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Diwali 2024: दीवाली पर इस विधि से करें माता लक्ष्मी की पूजा, एक क्लिक में जानें संपूर्ण जानकारी

दीपावली का दिन बेहद शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह पावन दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए समर्पित है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है तो आइए जानते हैं कि दीवाली के शुभ अवसर पर ( Diwali 2024) मां लक्ष्मी की पूजा कैसे करनी है?

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 25 Oct 2024 04:28 PM (IST)
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Diwali 2024: दीवाली पर इस विधि से करें माता लक्ष्मी की पूजा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली भारतीय संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लोग इस दिन (Diwali 2024) मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, लेकिन कई बार उनसे अंजाने में बहुत सारी गलतियां हो जाती, जिसके चलते उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो आइए मां लक्ष्मी की पूजन सामग्री और नियम जानते हैं, जो यहां पर विस्तार से दिया गया है।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की सामग्री (Diwali 2024 laxmi Puja samagri)

  • माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा
  • कुमुकम, पीला सिंदूर, रोली, सुपारी, नारियल, अक्षत (चावल)
  • अशोक व आम के पत्ते
  • हल्दी, दीप-धूप, कपूर, रूई,कलावा,
  • मिटटी के दीपक और पीतल का दीपक
  • दही, शहद, गंगाजल, फूल, फल, गेहूं-जौ, दूर्वा
  • सिंदूर-चंदन, पंचामृत, बताशे, खील
  • लाल या पीले वस्त्र
  • लकड़ी की चौकी
  • कमल गट्टे की माला
  • कलश, शंख, थाली, चांदी का सिक्का
  • बैठने के लिए आसन और शुद्ध जल आदि।
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दिवाली पर लक्ष्मी पूजन विधि (Diwali 2024 Laxmi Puja Vidhi)

  • सबसे पहले पहले स्नान करें।
  • फिर लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • मंदिर को पूर्ण रूप से व्यवस्थित और साफ करें।
  • इसके बाद कलश को सजाएं उसमें जल, गंगाजल, सुपारी, आदि डालें।
  • हाथ में फूल और अक्षत लेकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें।
  • देवी का ध्यान करते उन्हें दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल के मिश्रण से स्नान कराएं।
  • स्नान के बाद उन्हें वापस से चौकी पर विराजित कर दें ।
  • फिर माता लक्ष्मी-गणेश को कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • उन्हें लाल फूलों की हार पहनाएं।
  • कमल का फूल अर्पित करें।
  • इसके बाद उन्हें खीले-खिलौने, बताशे, मिठाइयां फल, पैसे और सोने के आभूषण आदि अर्पित करें।
  • देवी के समक्ष घी का दीपक जलाएं।
  • देवी के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
  • अंत में पूरा परिवार मिलकर गणेश भगवान और लक्ष्मी माता की कथा सुनें और फिर उनकी आरती उतारें।
  • पूजा समाप्त होने के बाद शंखनाद करें और क्षमायाचना करें।
  • फिर सभी में लक्ष्मी प्रसाद का वितरण करें।

माता लक्ष्मी के वैदिक मंत्र

  • अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम्। श्रियं देवीमुप ह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।
  • ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह।
  • पद्‍मानने पद्‍मिनी पद्‍मपत्रे पद्‍मप्रिये पद्‍मदलायताक्षि विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले त्वत्पादपद्‍मं मयि सन्निधस्त्व।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।