वहीं, कई बार कुछ लोग पूजा विधि और मुहूर्त आदि को लेकर काफी कन्फ्यूज रहते हैं, तो आइए इसकी सही पूजा विधि और समय आदि पर नजर डालते हैं।
खीर, लड्डू, बर्फी, मोदक, खीले-खिलौने, बताशे और ऋतु फल आदि।
दीवाली लक्ष्मी-गणेश पूजन मुहूर्त (Diwali 2024 Lakshmi-Ganesh Pujan Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर यानी आज लक्ष्मी-गणेश की पूजा (Diwali Puja Time) का पहला
शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में ही प्राप्त हो रहा है। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। वहीं, तंत्र पूजा के लिए निशिता काल की उपासना ज्यादा शुभ होती है। बता दें, 31 अक्टूबर को निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
दीवाली पूजा विधि (Diwali 2024 Puja Vidhi)
सुबह उठकर स्नान करें। लाल रंग के वस्त्र धारण करें। अपने पूजा कक्ष को साफ करें। इसके बाद कलश को सजाएं उसमें जल, गंगाजल, सुपारी, आदि डालकर उसकी स्थापना करें। हाथ में फूल और अक्षत लेकर लक्ष्मी-गणेश का ध्यान करें। उनका दूध, दही, शहद, तुलसी और गंगाजल आदि से स्नान कराएं। स्नान के बाद उन्हें वापस से चौकी पर विराजित कर दें । फिर
लक्ष्मी-गणेश को कुमकुम,रोली और चंदन से तिलक करें। कमल व पीले फूल अर्पित करें। इसके बाद उन्हें खीले-खिलौने, बताशे, मिठाइयां फल, पैसे और सोने के आभूषण आदि अर्पित करें। भगवान के समक्ष 11 या 21 घी के दीपक जलाएं।
मंत्रों का जाप करें। अंत में गणेश भगवान और मां लक्ष्मी की कथा सुनें और फिर उनकी आरती उतारें। पूजा के बाद शंखनाद करें और गलती के लिए माफी मांगे। फिर सभी में लक्ष्मी प्रसाद का वितरण करें।
दीवाली पूजन मंत्र
1. ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।
2. ॐ महालक्ष्म्यै नमो नमः
3. ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ॥
4. ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह।पद्मानने पद्मिनी पद्मपत्रे पद्मप्रिये पद्मदलायताक्षि विश्वप्रिये विश्वमनोनुकूले त्वत्पादपद्मं मयि सन्निधस्त्व।।
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