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Diwali 2024: दुर्लभ शिववास और प्रीति योग में मनाई जाएगी दीवाली, नोट करें पूजा का सही समय

हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से लेकर शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि तक दीपोत्सव का त्योहार मनाया जाता है। दीपोत्सव (Diwali 2024) के पहले दिन धनतेरस मनाया जाता है। वहीं दीपोत्सव के अंतिम दिन भाई दूज मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 30 Oct 2024 05:36 PM (IST)
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Diwali 2024: मां लक्ष्मी को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 31 अक्टूबर को दीवाली है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि समुद्र मंथन के समय धन की देवी मां लक्ष्मी अवतरित हुई थीं। इससे पूर्व ऋषि दुर्वासा के श्राप के चलते स्वर्ग लक्ष्मी विहीन हो गया था। धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुखों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से लक्ष्मी-गणेश जी की उपासना करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो दीवाली (Diwali 2024) पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में लक्ष्मी जी की आराधना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। आइए जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी और 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 31 अक्टूबर को दीवाली मनाई जाएगी। 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ समय संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है। इस समय में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

प्रीति योग

कार्तिक अमावस्या यानी दीवाली पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 09 बजकर 52 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 1 नवंबर को 10 बजकर 41 मिनट पर होगा। ज्योतिष प्रीति योग को शुभ मानते हैं। इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध होंगे।

शिववास योग

दीवाली के शुभ अवसर पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। इस समय में भगवान शिव कैलाश पर मां गौरी के साथ रहेंगे। इस समय में भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं। दीवाली पर चित्रा नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है।

पंचांग 

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 04 बजकर 49 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।