Diwali Pujan के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति का क्या करें? इन गलतियों से नष्ट हो सकता है पूजा का फल
हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला दीपावली का पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या पर मनाया जाता है। ऐसे में इस बार दीवाली उत्सव आज यानी 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस पर्व की धूम भारत से लेकर अन्य देशों में भी देखने को मिलती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि दीवाली पूजन के बाद आप किस तरह लक्ष्मी-गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली पर्व के खास मौके पर धन की देवी मां लक्ष्मी और रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि दीवाली पूजन के बाद लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति का आप क्या कर सकते हैं। साथ ही जानते हैं कि इस दौरान आपको कौन-सी गलतियां नहीं करना चाहिए, ताकि आप नकारात्मक परिणामों से बचे रहें।
कर सकते हैं ये काम
दीपोत्सव समापन होने के बाद यानी भैया दूज के बाद लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को हटाना चाहिए। यदि आपकी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति मिट्टी की है, तो आप इन्हें एक लाल वस्त्र में लपेटकर किसी नदी में विसर्जित कर सकते हैं। यदि ऐसा करना आपके लिए संभव नहीं, तो आप घर पर ही एक पात्र में पानी भरकर इन मूर्तियों को विसर्जित कर सकते हैं।
लक्ष्मी-गणेश की बनी रहेगी कृपा
यदि आप दीवाली पूजन में लक्ष्मी-गणेश की चांदी, सोने या पीतल से बनी मूर्ति का इस्तेमाल करते हैं, तो इन्हें अपनी तिजोरी में रख सकते हैं। तिजोरी या धन के स्थान पर रखने से पहले इन मूर्तियों को गंगाजल से स्नान करवाना चाहिए। इसके बाद विधि-विधान से पूजा और आरती करें और इन मूर्तियों को तिजोरी में स्थापित कर दें। ऐसा करने से आपको पूजा का पूर्ण लाभ मिलता है और मां लक्ष्मी व गणेश जी का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है।यह भी पढ़ें - Bhai Dooj 2024 Date: कब और क्यों मनाते हैं भाई दूज का पर्व? क्या है इस दिन का शुभ मुहूर्त
नहीं मिलेगा पूजा का फल
कई लोग दीवाली पूजन के बाद मूर्तियों को पेड़ के नीचे रख आते हैं, या फिर गंदे पानी या गंदे स्थान पर फेंके देते हैं। लेकिन ऐसा करना बहुत ही गलत माना जाता है। इससे आप पाप के भागीदार बन सकते हैं और पूजा का फल नष्ट हो जाता है। जिससे आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा से वंचित रह जाएंगे।
यह भी पढ़ें - Diwali 2024: दीवाली तक इस मूलांक पर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, धन से भर जाएगी खाली तिजोरीअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।