Diwali 2024: दीवाली के दिन मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर की करें पूजा, धन-धान्य से भर जाएगा घर
सनातन धर्म में दीवाली के त्योहार का खास महत्व है। इस दिन दीपक जलाते हैं और मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में घर लोग धन की मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi Pujan)और भगवान गणेश की तस्वीर लाते हैं लेकिन तस्वीर को लेते समय कई बातों का ध्यान रखें। धार्मिक मान्यता है कि सही तस्वीर का चयन करने से पूजा सफल होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली (Diwali 2024) का पर्व बहुत ही उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से उपासना करने से जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप भी पूजा के लिए मां लक्ष्मी (Diwali Lakshmi worship) और भगवान गणेश की प्रतिमा को घर ला रहे हैं, तो शुभ तस्वीर का ही चयन करें। ऐसा माना जाता है कि उत्तम तस्वीर की पूजा-अर्चना करने से जातक को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन खुशहाल होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि देवी लक्ष्मी और गणपति बप्पा की कैसी तस्वीर होनी चाहिए?
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इस तरह की तस्वीर का करें चयन
- सनातन धर्म में महादेव के पुत्र भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता और मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। दीवाली के अवसर पर मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की एक संग पूजा-अर्चना करने का विधान है।
- मां लक्ष्मी की तस्वीर ऐसी लेनी चाहिए, जिसमें देवी कमल के फूल में विराजमान हों और बैठीं हुई मुद्रा में हों। पूजा के लिए आप मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति मिट्टी, अष्टधातु, पीतल और चांदी की ले सकते हैं। एक बात का खास ध्यान रखें कि मूर्ति खंडित न हों। इस तरह की तस्वीर की पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है।
- इसके अलावा गणपति बप्पा की तस्वीर में भगवान गणेश जी बैठे हुए मुद्रा में होने चाहिए और उनकी सूंड दाईं तरफ मुड़ी हुई होनी चाहिए। साथ ही मोदक और जनेऊ धारण करने वाली तस्वीर को शुभ माना जाता है।
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न लें इस तरह की तस्वीर
पुराणों के अनुसार, मां लक्ष्मी चंचल स्वभाव की बताया गया है। इसी वजह से उन्हें चंचला भी कहा गया है। मां लक्ष्मी की खड़ी अवस्था में पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी के इस सवरूप की पूजा करने से मां लक्ष्मी एक स्थान पर ज्यादा देर नहीं वास नहीं करती हैं।यह भी पढ़ें: Diwali 2024: राजा के वेश में दर्शन देंगे ठाकुरजी, दीपावली पर वृंदावन में अनोखी परंपरा; चौसर खेलकर मनेगा दीपोत्सव
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