Diwali 2025: दीवाली के दिन इन बातों का रखें ध्यान, आर्थिक तंगी होगी दूर
दीवाली का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है जो हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। यह माता लक्ष्मी और गणेश भगवान को समर्पित है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीवाली की रात कुछ बातों (Diwali 2025 Rules) का ध्यान रखना चाहिए तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीवाली प्रकाश का महापर्व है। यह हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को पड़ता है। यह दिन सिर्फ अंधकार को दूर करने का नहीं, बल्कि धन और समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी को खुश करने का भी है। अगर आप लंबे समय से धन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो दीवाली (Diwali 2025) की रात कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें, तो आइए उन महत्वपूर्ण नियम के बारे में जानते हैं।
इन बातों का दें ध्यान (Diwali 2025 Rules)
- पवित्रता - माता लक्ष्मी को साफ-सफाई बहुत ज्यादा पसंद है। ऐसे में दीवाली से पहले अपने घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें।
- टूटा-फूटा सामान हटाएं - घर में रखे सभी खराब, टूटे या अनुपयोगी सामान को बाहर निकाल दें। ऐसी चीजें घर में नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता को बुलावा देती हैं।
- मुख्य द्वार सजाएं - दीवाली के दिन घर के मुख्य द्वार को आम के पत्ते के तोरण, सुंदर रंगोली और रोशनी से सजाएं।
- दीपक जलाएं - घर में कम से कम 13, 21 या 51 दीये जलाएं। एक दीया घर के मुख्य द्वार पर, एक रसोई में, और एक पीपल के वृक्ष के नीचे जरूर जलाएं। इससे मां लक्ष्मी खुश होती हैं।
- अखंड दीपक - लक्ष्मी पूजा के दौरान अखंड दीपक जलाएं।
- दान - दीवाली की रात धन का कुछ हिस्सा जरूरतमंदों को दान करें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना बढ़कर वापस मिलता है।
इन बातों से बचें (Diwali 2025 Donts)
- कर्ज लेन-देन - दीवाली के दिन किसी से भी उधार लेने या देने से बचें। इससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।
- लड़ाई-झगड़ा - घर में शांति और प्रेम का माहौल बनाए रखें। जिस घर में झगड़ा या कलह होता है, वहां लक्ष्मी जी कभी वास नहीं करती हैं।
- नींद और आलस्य - लक्ष्मी पूजा के बाद देर रात तक जगना शुभ माना जाता है। इस रात आलस्य न करें।
यह भी पढ़ें: Dhanteras 2025: सोना-चांदी ही नहीं, धनतेरस पर इन चीजों को खरीदना भी मानते हैं शुभ
यह भी पढ़ें- Dev Deepawali 2025: किस दिन मनाई जाएगी देव दीपावाली, भगवान शिव से इस तरह जुड़ा है नाता
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।