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Chanakya Niti: 20 की उम्र के बाद भूलकर न करें ये गलतियां, वरना शुरू हो जाएंगे बुरे दिन

Chanakya Niti आचार्य चाणक्य शास्त्र के महान ज्ञाता थे। उन्होंने नीति शास्त्र की रचना की है जो आज भी प्रासंगिक है। इसके अलावा उन्होंने कई अन्य प्रमुख और उपयोगी रचनाएं भी की हैं। आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफल होने के सूत्र भी बताए हैं। इन नियमों का पालन कर सामान्य व्यक्ति भी अपने जीवन में सफल इंसान बन सकता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 22 Aug 2023 12:17 PM (IST)
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Chanakya Niti: 20 की उम्र के बाद भूलकर न करें ये गलतियां

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य मौर्य वंश के समकालीन थे। गुप्त साम्राज्य की स्थापना में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उनके वचनों का पालन कर चंद्रगुप्त मौर्य महान राजा बने। उनके नेतृत्व में गुप्त साम्राज्य का व्यापक विस्तार हुआ। आचार्य चाणक्य शास्त्र के महान ज्ञाता थे। उन्होंने नीति शास्त्र की रचना की है, जो आज भी प्रासंगिक है। इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य प्रमुख रचनाएं भी की हैं। आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफल होने के सूत्र भी बताए हैं। इन नियमों का पालन कर सामान्य व्यक्ति भी अपने जीवन में सफल इंसान बन सकता है। साथ ही उन्होंने 20 की उम्र के बाद कई गलतियां न करने की सलाह दी है। अगर कोई युवक 20 की उम्र के बाद ये गलतियां करता है, तो खामियाजा भविष्य में भुगतना पड़ता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

समय न करें बर्बाद

आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में कहते हैं कि 20 की उम्र के बाद समय बिल्कुल न बर्बाद करें। समय बेहद कीमती है। इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। एक बार समय चला जाता है, उसके बाद वह वापस नहीं आता है। व्यर्थ में समय बर्बाद करने वाले लोगों को जीवन भर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जीवन में सफलता पाने के लिए समय का पाबंद होना अनिवार्य है।

आलसी न बनें

आचार्य चाणक्य की मानें तो 20 की उम्र के बाद व्यक्ति को कार्य को लेकर सजग रहना चाहिए। अगर लापरवाही या अनदेखी करते हैं, तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। अत:आलस से बचना चाहिए। ऐसा कहा या माना जाता है कि भगवान आलसी लोगों की कभी मदद नहीं करते हैं। इसके लिए अपने कार्य को नियत समय पर करें। इससे जीवन में सफल होने की संभावना अधिक रहती है।

धन की बर्बादी न करें

चाणक्य नीति के अनुसार, 20 की उम्र के बाद सोच समझ कर पैसे खर्च करने चाहिए। खासकर, युवावस्था में पैसे के महत्व को समझना बहुत जरूरी है। आजकल अर्थ युग है। आसान शब्दों में कहें तो धन का रहना बहुत जरूरी है। भविष्य में मुसीबत के समय धन ही काम आता है। इसके लिए धन का व्यय सोच समझ कर रहना चाहिए।

क्रोध करने से बचें

आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में कहते हैं कि क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। क्रोध में व्यक्ति की सोच और समझ समाप्त हो जाती है। इसके लिए 20 की उम्र के बाद प्रतिक्रिया करने के समय अवश्य विचार करें। युवावस्था में गुस्सा अधिक आता है। इसे नियंत्रित करना आसान नहीं होता है। इसके लिए योग और ध्यान का सहारा लिया जा सकता है।

डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '