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Chanakya Niti: इन 5 लोगों को गलती से भी न लगाएं पैर, वरना शुरू हो जाएंगे बुरे दिन

Chanakya Niti वर्तमान समय में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर उनका जन्म 376 ईसा पूर्व में हुआ था। मौर्य वंश के समकालीन आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त के महामंत्री और मार्ग प्रशस्तक थे। चाणक्य ने सामान्य से बालक (चन्द्रगुप्त) को राजा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके जीवट प्रयास या प्रण के चलते चन्द्रगुप्त मौर्य राजा बने। उन्होंने नीति शास्त्र और अर्थशास्त्र समेत अनेक प्रमुख रचनाएं की हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 23 Aug 2023 01:31 PM (IST)
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Chanakya Niti: इन 5 लोगों को गलती से भी न लगाएं पैर, वरना शुरू हो जाएंगे बुरे दिन

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य शास्त्रों के महान ज्ञाता थे। वर्तमान समय में उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर उनका जन्म 376 ईसा पूर्व में हुआ था। मौर्य वंश के समकालीन आचार्य चाणक्य,  चंद्रगुप्त के महामंत्री और मार्ग प्रशस्तक थे। चाणक्य ने सामान्य से बालक (चन्द्रगुप्त) को राजा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके जीवट प्रयास या प्रण के चलते चन्द्रगुप्त मौर्य राजा बने। उन्होंने नीति शास्त्र और अर्थशास्त्र समेत अनेक प्रमुख रचनाएं की हैं। वर्तमान समय में भी नीति शास्त्र प्रासंगिक हैं। सामान्य व्यक्ति भी नीति शास्त्र का पालन कर सफल इंसान बन सकता है। नीति शास्त्र में चाणक्य ने 5 लोगों को पैर न लगाने की सलाह दी है। अगर गलती से भी इन लोगों को पैर लग जाता है, तो तत्क्षण (तुरंत) पैर छूकर (प्रणाम कर) क्षमा याचना कर लेना चाहिए। आइए जानते हैं-

गुरु

आचार्य चाणक्य की मानें तो भूलकर भी गुरु को पैर नहीं लगाना चाहिए। अगर गुरु को पैर लगाते हैं, तो इससे गुरु का अपमान होता है। अगर गलती से पैर लग भी जाता है, तो चरण स्पर्श कर गुरु से क्षमा याचना अवश्य कर लें।

ब्राह्मण

दैवीय काल से ब्राह्मण पूजनीय है। अत: भूलकर भी किसी ब्राह्मण को पैर न लगाएं और न ही किसी ब्राह्मण का अपमान करें। कहते हैं कि ब्राह्मण का अपमान करने का खामियाजा व्यक्ति को अवश्य ही भुगतना पड़ता है।

कन्या

सनातन धर्म में कन्या (9 वर्ष तक) को मां का रूप बताया गया है। इसके लिए नवरात्रि में कन्या पूजन किया जाता है। साथ ही पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। अत: कन्या को पैर न लगाएं। अगर गलती से कभी पैर लग जाता है, तो पैर छूकर अवश्य ही क्षमा याचना कर लें।

वृद्ध

अगर आप वृद्ध व्यक्ति का सम्मान करते हैं, तो उनका आशीर्वाद आपको अवश्य ही प्राप्त होगा। अत: वृद्ध व्यक्ति का कभी दिल नहीं दुखाना चाहिए और न ही उन्हें पैर लगाएं। बड़े-वृ्द्ध की सेवा करने से ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहते हैं कि जब कभी आप मुसीबत में फंसते हैं, तो बड़ों का आशीर्वाद काम आता है।

बालक

बालक यानी छोटे बच्चे भगवान के रूप होते हैं। उन्हें भी पैर न लगाएं। अगर लग भी जाए, तो पैर छूकर उनसे क्षमा याचना कर लें। ऐसा करने से ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर अहंकार भाव से इन 5 लोगों को पैर लगाते हैं, तो जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '