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Disha Shool: मंगलवार के दिन इस दिशा में न करें यात्रा, जानें-दिशाशूल और इसका महत्व

Disha Shool ज्योतिषियों की मानें तो सोमवार और शुक्रवार के दिन पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर किसी कारणवश करनी पड़ती है तो सोमवार को दर्पण देखकर यात्रा करें। वहीं शुक्रवार को नाममात्र जौ खाकर यात्रा करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 06 Jun 2023 03:19 PM (IST)
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Disha Shool: मंगलवार के दिन इस दिशा में न करें यात्रा, जानें-दिशाशूल और इसका महत्व
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Disha Shool: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। इससे व्यक्ति के जीवन की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो जाती है। साथ ही ज्योतिष शास्त्र की मदद से शुभ तिथि भी निर्धारित की जाती है। शुभ तिथि पर कार्य करने से सिद्धि प्राप्त होती है। अनदेखी करने पर कार्य में बाधा आती है। ज्योतिषियों की मानें तो शुभ कार्य करने के दौरान दिशाशूल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिशाशूल में दिशा की गणना की जाती है। इसमें दिन के हिसाब से दिशा तय है। आसान शब्दों में कहें तो दिन के हिसाब से दिशा में यात्रा करनी चाहिए। आइए, दिशाशूल के बारे में विस्तार से जानते हैं-

दिशाशूल

- ज्योतिषियों की मानें तो सोमवार और शुक्रवार के दिन पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर किसी कारणवश करनी पड़ती है, तो सोमवार को दर्पण देखकर यात्रा करें। वहीं, शुक्रवार को नाममात्र जौ खाकर यात्रा करें।

- रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अनदेखी करने पर परेशानी हो सकती है। विशेष कार्य के लिए जाना है, तो दलिया खाकर यात्रा करें।

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर बहुत जरूरी है, तो गुड़ खाकर यात्रा कर सकते हैं।

- गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर बहुत जरूरी है, तो दही खाकर यात्रा कर सकते हैं।

- सोमवार और गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर किसी कारणवश यात्रा करनी पड़ती है, तो सोमवार को दर्पण देखकर और दही खाकर यात्रा करें।

- रविवार और शुक्रवार को पश्चिम और दक्षिण दिशा में यात्रा करने से परहेज करें। अनदेखी करने पर कार्य में सिद्धि नहीं प्राप्त होती है। विशेष कार्य के लिए जाना है, तो दलिया और गुड़ खाकर यात्रा कर सकते हैं।

- अगर एक ही दिन में यात्रा कर लौटना है, तो दिशाशूल का विचार अनिवार्य नहीं है। सोमवार, मंगलवार और शनिवार को दिन में दिशाशूल प्रभावी नहीं होते हैं। हालांकि, बुधवार के दिन दिशाशूल का पालन अनिवार्य है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'