Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी पर पूजा के समय करें ये आसान उपाय, मिलेगा मनचाहा वर
ज्योतिषियों की मानें तो मासिक दुर्गाष्टमी पर सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। मासिक दुर्गाष्टमी व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से आराध्या मां दुर्गा की पूजा करते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Durgashtami 2024: सनातन धर्म में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी 14 जून को है। अतः 14 जून को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी। धार्मिक मत है कि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। साथ ही मनचाही मुराद भी पूरी होती है। ज्योतिष शास्त्र में मासिक दुर्गाष्टमी पर पूजा के समय विशेष उपाय करने का विधान है। इन उपायों को करने से मनचाहा वर मिलता है। अगर आपकी शादी में बाधा आ रही है, तो मासिक दुर्गाष्टमी पर स्नान-ध्यान के बाद विधि पूर्वक मां दुर्गा की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय ये उपाय जरूर करें। इन उपायों को करने से विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है।
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मासिक दुर्गाष्टमी के उपाय
- ज्योतिष कुंडली में शुक्र मजबूत करने के लिए मां दुर्गा को श्रृंगार की वस्तुएं भेंट करने की सलाह देते हैं। कुंडली में शुक्र मजबूत होने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। अतः मासिक दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की पूजा करें। इस समय मां दुर्गा को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। आप मंदिर जाकर भी जगत की देवी की पूजा कर सकते हैं।
- अविवाहित लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए मासिक दुर्गाष्टमी पर स्नान-ध्यान के बाद लाल रंग का वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात, पूजा के समय मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करें। इस समय शीघ्र विवाह की कामना जगत की देवी से करें।
- मासिक दुर्गाष्टमी पर माँ कात्यायनी की पूजा करें। इस दिन से लगातार 40 दिनों तक मां की पूजा करें। पूजा के समय निम्न मंत्र का जप कम से कम 21 बार जरूर करें। इस मंत्र के जप से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:॥
विवाह मंत्र
- हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥
- ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ
चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
- ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।
लड़कों के लिए विवाह मंत्र
- ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा”
- ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
- पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।