Move to Jagran APP

Durga Puja: साहस में होगी वृद्धि, मिलेगी कार्यक्षेत्र में सफलता, जानें महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ

Mahishasura Mardini Stotram Benefits महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र मां दुर्गा को समर्पित है। इस पाठ को राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का जश्न मनाने के लिए इस किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस स्तोत्र का पाठ करने से विभिन्न आध्यात्मिक और भौतिक लाभ मिलते हैं। तो चलिए उन अद्भुत लाभ (Durga Puja) के बारे में जानते हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 22 Dec 2023 11:49 AM (IST)
Hero Image
Mahishasura Mardini Stotram Benefits: महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahishasura Mardini Stotram Benefits: महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो मां दुर्गा को समर्पित है। इस पाठ को राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय का जश्न मनाने के लिए इस किया जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्तोत्र का पाठ करने से विभिन्न आध्यात्मिक और भौतिक लाभ मिलते हैं। तो चलिए उन अद्भुत लाभ के बारे में जानते हैं -

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ -

बाधाओं को खत्म करने के लिए

ऐसा कहा जाता है कि महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएं और चुनौतियां समाप्त होती हैं।

नकारात्मकता से सुरक्षा

मान्यता है कि इस स्तोत्र के पाठ से नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है। साथ ही इसे बुरी ताकतों के खिलाफ ढाल माना जाता है।

साहस में वृद्धि

यह स्तोत्र शक्ति का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि नियमित इसका पाठ करने से भक्त को साहस, आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति का आशीर्वाद मिलता है।

सफलता प्राप्ति के लिए

इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को देवी दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

आध्यात्मिक विकास

भक्त आध्यात्मिक उत्थान के लिए इस स्तोत्र का पाठ करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इसका रोजाना पाठ करने से आध्यात्मिक विकास होता है।

बुरे समय से सुरक्षा

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ चुनौतीपूर्ण समय या संकट के समय में देवी दुर्गा के सुरक्षा कवच की तलाश और कठिनाइयों पर काबू पाने के लिए किया जाता है।

स्वास्थ्य और अच्छाई के लिए

ऐसा मानना ​​है कि इस स्तोत्र के पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसे अच्छे स्वास्थ्य के लिए देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक साधन माना जाता है।

यह भी पढ़ें: Akhurath Sankashti Chaturthi 2023: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर क्या करें और क्या न करें ? यहां जानें

डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'