Move to Jagran APP

Dussehra 2023: दशहरा पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि दशहरा तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध किया था। इसके लिए हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर्व पर 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 24 Oct 2023 08:06 AM (IST)
Hero Image
Dussehra 2023: दशहरा पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Dussehra 2023: हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। इस प्रकार आज दशहरा है। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि दशहरा तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध किया था। इसके लिए हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर्व पर 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। आइए, दशहरा पर बनने वाले शुभ योग और पंचांग के बारे में जानते हैं-

यह भी पढ़ें- राम एक वैचारिक और चारित्रिक क्रांति हैं, जो निर्विकार की स्थापना करते हैं

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर को संध्याकाल 05 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।

विजय मुहूर्त

विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से लेकर 02 बजकर 43 मिनट तक है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

दशहरा के दिन पूजा का समय 2 घंटे 15 मिनट है। विजयादशमी के दिन पूजा का सही समय दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 18 मिनट तक है।

रवि योग

दशहरा पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक है। इसके पश्चात, संध्याकाल में 06 बजकर 38 मिनट से है, जो रात भर है।

वृद्धि योग

ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर अत्यंत लाभकारी वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक है।

करण

दशहरा तिथि पर दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक गर करण का निर्माण हो रहा है। इसके पश्चात, वणिज करण रात्रि भर है। वणिज और गर करण शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 27 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 43 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 04 बजकर 19 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 30 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।