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Dussehra 2024: राम भगवान की इस आरती के बिना अधूरी है दशहरा की पूजा, ऐसे करें पूर्ण

दशहरा का पर्व बेहद खास माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वही दिन है जब देवी दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का संहार किया था जिसके चलते इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस दिन रावण दहन भी होता है। यह उत्सव पाप पर धार्मिकता की विजय का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार यह पर्व 12 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 12 Oct 2024 09:08 AM (IST)
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Dussehra 2024: भगवान श्री रामचंद्रजी की आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दशहरा के पर्व को हिंदू धर्म में बहुत ही शुभ माना जाता है। इसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है जो हर साल पूरे देश में उत्साह और पूर्ण भक्ति से मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन महिषासुर पर मां दुर्गा और भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। दशहरा नवरात्र और दुर्गा पूजा उत्सव के अंत का भी प्रतीक है।

इस साल यह पर्व 12 (Dussehra 2024) अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है, इस शुभ पर्व को और भी शुभ बनाने के लिए आइए राम जी की आरती करते हैं, जो इस प्रकार हैं।

।। भगवान श्री रामचंद्रजी की आरती।।

श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।

नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।

कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।

पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।

भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।

रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।

आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।

करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।

एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।

तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।

दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।

मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'