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Dussehra 2024: रावण दहन के बाद जरूर करें ये कार्य, होगा लाभ ही लाभ

सनातन धर्म में दशहरा का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार यह हर साल आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 12 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है। इसे लोग विजयदशमी (Dussehra 2024 Shubh Muhurat) के नाम से भी जानते हैं तो आइए इससे जुड़े कुछ उपाय करते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 12 Oct 2024 04:53 PM (IST)
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Dussehra 2024: इन स्थान पर रखें रावण दहन की राख और लकड़ी।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दशहरा का त्योहार हर सनातनी के लिए महत्व रखता है। इसका एक नाम विजयादशमी भी है। यह महापर्व हर साल भक्ति के साथ आश्विन माह में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। साथ ही यह दुर्गा पूजा उत्सव के अंत का भी प्रतीक है।

इस साल यह पर्व 12 (Dussehra 2024) अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है, इस शुभ पर्व पर यदि कुछ चमत्कारी टोटके व कार्य किए जाए, तो जीवन की कई सारी मुश्किलों को आसानी से दूर किया जा सकता है, तो चलिए जानते हैं।

 रावण दहन के बाद करें ये कार्य

रावण दहन के बाद उसकी राख को घर लेकर आए। ये बहुत ही शुभ माना जाता है। भले ही रावण राक्षस राजा था, लेकिन उसकी राख बेहद ही पवित्र मानी जाती है। इसलिए उसकी (Ravan Dahan Upay) राख को घर पर अवश्य लेकर आएं। इसके बाद उस राख को मुख्य द्वार व अन्य खास स्थान पर रखें। इससे धन-धान्य में वृद्धि होगी। साथ ही भय और नजर आदि से सुरक्षा प्राप्त होगी।

वहीं, रावण दहन से लौटने के पश्चात भगवान राम की विधिवत पूजा करें। फिर रामायण व उसकी चौपाई का पाठ करें। इससे परिवार में खुशहाली आएगी।

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रावण दहन का शुभ मुहूर्त ( Ravan dahan Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, रावण दहन प्रदोष काल के दौरान ही संपन्न किया जाता है। ऐसे में पंचांग को देखते हुए 12 अक्टूबर को रावण दहन शाम 5 बजकर 53 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 27 मिनट तक के बीच किया जाएगा।

कब तक है दशमी तिथि?

वैदिक पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी (Vijayadashmi 2024) तिथि 12 अक्टूबर, 2024 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू हुई थी। वहीं, इस तिथि का समापन 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।