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Dussehra 2024: दशहरा के दिन इन कार्यों से बनाएं दूरी, वरना जीवन में भुगतने पड़ेंगे बुरे परिणाम

दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है। यह पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार को विजयादशमी (Vijayadashami 2024) के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान राम की पूजा-अर्चना करने से जातक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस पर्व के नियम के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 30 Sep 2024 11:32 AM (IST)
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Dussehra 2024: दशहरा के पर्व से जुड़े नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में दशहरा (Dussehra 2024) का पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता जाता है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान राम की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। इस दिन राम जी ने रावण का वध किया था। वहीं, मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध करके पूरे जगत में शांति का संचार किया था। इस दिन कुछ कार्यों को करने से बचाना चाहिए। माना जाता है कि इस लेख में बताए गए कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।  

दशहरा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dussehra 2024 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। ऐसे में दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक है। रावण दहन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

रावण दहन विजय मुहूर्त में किया जाता है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है। इस दौरान आप रावण दहन कर सकते हैं।

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न करें ये कार्य

  • सनातन धर्म में दशहरा के त्योहार को सत्य, धर्म और कर्म का प्रतीक माना जाता है। इस शुभ दिन पर बड़े-बुजुर्ग और महिलाओं का अपमान न करें। ऐसा करने से धन की मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। इसी वजह से ऐसी गलती भूलकर भी न करें।  
  • दशहरा के दिन किसी भी पशु-पक्षी की हत्या न करें और उनको किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचाएं। ऐसा करने से जातक को बुरे परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा शारदीय नवरात्र में तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।  
  • दशहरा के दिन किसी से बातचीत के दौरान झूठ या कटु वचन न बोलें और किसी से वाद-विवाद न करें।  
  • रावण के स्वार्थ कारणों की वजह से पूरी लंका ध्वस्त हो गई थी, जिसमें कई सैनिक मारे गए, लेकिन इसके बाद वह तानाशाही करता रहा। इसलिए पारंपरिक और सामाजिक संस्थाओं को दबाना नहीं चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।'