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Dussehra 2024: कब मनाया जाएगा दशहरा? नोट करें पूजा का समय और नियम

दशहरा का पर्व बेहद खास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस दिन लोग रावण दहन भी करते हैं। यह उत्सव पाप पर धार्मिकता की विजय का प्रतिनिधित्व करता है। इस बार यह पर्व 12 अक्टूबर (Dussehra 2024 Puja Vidh) को मनाया जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 03 Oct 2024 11:42 AM (IST)
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Dussehra 2024 : दशहरा पूजन के नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दशहरा का पर्व अपने आप में बहुत खास होता है। इसे लोग विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह त्योहार रावण पर भगवान राम की जीत की याद में मनाया जाता है। इसके साथ ही इसी दिन राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा ने विजय प्राप्त की थी। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस मौके पर प्रभु राम की पूजा (Dussehra 2024 Puja Vidh) करते हैं और धार्मिक कार्यों से जुड़े रहते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।

दशहरा पूजन नियम (Dussehra 2024 Puja Vidhi)

  • इस दिन लोग भगवान राम और मां दुर्गा की विधिवत पूजा करते हैं।
  • इस दिन राम जी को उनके प्रिय भोग को अर्पित करना चाहिए।
  • इस दिन लोग अपने शस्त्रों की पूजा भी करते हैं।
  • इस मौके पर लोग रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों को जलाते हैं।
  • इस शुभ अवसर पर जगह-जगह रामलीला का भी आयोजन किया जाता है।
  • कई समुदाय शानदार रामायण प्रदर्शन का मंचन करते हैं।
  • इस मौके पर लोग मां दुर्गा की प्रार्थना और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं।
  • इस दिन मां दुर्गा की मूर्तियों को पवित्र नदियों में विसर्जित किया जाता है।

दशहरा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dussehra 2024 Date And Time)

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वहीं, इस दिन की पूजा दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक के बीच होगी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।