Dussehra 2024: दशहरा पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी दशहरा (Dussehra 2024 Ravi Yog) पर भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही साधक को शत्रु भय से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान श्रीराम की पूजा करते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 09 Oct 2024 05:39 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 अक्टूबर को दशहरा है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है। इस दिन शस्त्र पूजा भी की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान श्रीराम ने युद्ध के मैदान में दशानन रावण को परास्त किया था। इस उपलक्ष्य पर हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर रवि योग (Dussehra Ravi Yoga Benefits) समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं-
दशहरा शुभ मुहूर्त (Dussehra Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 12 अक्टूबर को है। इस दिन सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दशमी तिथि शुरू होगी। वहीं, दशमी तिथि का समापन 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक पर्व दशहरा (Dussehra 2024) मनाया जाएगा।दशहरा विजय मुहूर्त (Dussehra Vijay Muhurat)
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है। इस दिन पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 35 मिनट तक है। कुल मिलाकर दशहरा पर पूजा अवधि 2 घंटे 18 मिनट है। साधक दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर दोपहर के 03 बजकर 35 मिनट के मध्य पूजा-पाठ कर सकते हैं।