Easter 2024: कब मनाया जाएगा ईस्टर, इस दिन अंडों को भेंट करना क्यों माना जाता है शुभ ?
ईस्टर ईसाइयों का प्रमुख दिन है। महत्वप ईसाई धर्म के लोग उन्हें ईश्वर का पुत्र और मसीहा मानते है जिन्होंने स्वर्ग में जाने से पहले बुराई और मृत्यु को हराया था। ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु को जब सूली पर चढ़ाया गया था उसके तीन दिन बाद रविवार के दिन वे दोबारा जीवित हो गए थे। तभी से लोग इस दिन को भव्यता के साथ मनाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Easter 2024: ईसाई धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक ईस्टर है। इस दिन को लोग बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं। यह पर्व दुनिया भर के ईसाइयों के लिए नई आशा, नवीकरण लेकर आता है। इसके अलावा यह दिन नई शुरुआत की सुबह का भी प्रतीक है। इस दिन लोग अंडे सजाते हैं और पारंपरिक ईस्टर खेल खेलते हैं।
हालांकि क्रिसमस की तरह ईस्टर के त्योहार की कोई निश्चित तारीख नहीं है।आमतौर पर यह मार्च और अप्रैल के बीच आता है। ईस्टर उत्सव की तारीख हर साल बदलती रहती है।
ईस्टर का महत्व
यह दिन ईसा मसीह की वापसी का प्रतीक है, जिन्होंने मानवता के पापों के लिए खुद को बलिदान कर दिया था। ईसाई धर्म के लोग उन्हें ईश्वर का पुत्र और मसीहा मानते है, जिन्होंने स्वर्ग में जाने से पहले बुराई और मृत्यु को हराया था। ऐसा कहा जाता है कि प्रभु यीशु को जब सूली पर चढ़ाया गया था, उसके तीन दिन बाद रविवार के दिन वे दोबारा जीवित हो गए थे। तभी से लोग इस दिन को भव्यता के साथ मनाते हैं।
कब मनाया जाएगा ईस्टर ?
इस बार ईस्टर 31 मार्च, 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा। रविवार को पड़ने की वजह से इसे ईस्टर संडे भी कहा जाता है। ईस्टर संडे गुड फ्राइडे के तीसरे दिन रविवार को मनाया जाता है।ईस्टर के दिन अंडों का क्या महत्व है ?
ईसाई धर्म के लोग ईस्टर के मौके पर अलग-अलग तरीकों से अंडों को सजाते हैं। इसके बाद वो इसे अपने दोस्तों व प्रियजनों को भेंट भी करते हैं। इस दिन अंडे का विशेष महत्व इसलिए है, क्योंकि ईसाइयों का मानना है कि अंडा नए जीवन और नई उर्जा का प्रतीक है, इसलिए इस पर्व के दिन अंडे का इतना महत्व है।
यह भी पढ़ें: Easter 2024 Date: कब और क्यों मनाया जाता है ईस्टर का पर्व? जानें इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातेंडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।