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Ekadashi in August 2024: अगस्त में कब-कब मनाई जाएगी एकादशी? नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यधिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित है। भक्त हर महीने एकादशी व्रत का पालन भक्ति भाव के साथ करते हैं। इस व्रत को करने से शरीर मन और आत्मा शुद्ध होती है। वहीं इस दिन गंगा नदी में स्नान करना ब्राह्मणों को भोजन खिलाना और कपड़े आदि का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 26 Jul 2024 12:04 PM (IST)
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Ekadashi in August 2024: एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। एक साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दौरान आती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान श्री नारायण की पूजा करने से भक्तों के सभी दुखों का अंत हो जाता है, तो चलिए अगस्त महीने में पड़ने वाली एकादशी की डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं -

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पुत्रदा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह में पुत्रदा एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर होगी और इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 39 पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए इस साल पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी।

अजा एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, अजा एकादशी तिथि का आरंभ 29 अगस्त 2024 दिन गुरूवार को मध्य रात्रि 01 बजकर 18 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 30 अगस्त 2024, दिन शुक्रवार मध्य रात्रि 01 बजकर 37 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 29 अगस्त के दिन अजा एकादशी मनाई जाएगी।

भगवान विष्णु मंत्र

  • ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

  • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।
  • दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी (मां लक्ष्मी की पूजा के नियम) गणेशं कनकाभमीडे।।
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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।