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Ekadashi in July 2024: इस दिन मनाई जाएगी देवशयनी और कामिका एकादशी, नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है। साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं जिनका अपना-अपना विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री हरि की आराधना और व्रत करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तो चलिए इसकी तिथि और समय जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 07 Jul 2024 12:55 PM (IST)
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Ekadashi in July 2024: देवशयनी और कामिका एकादशी शुभ मुहूर्त -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जिनका अपना-अपना महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की आराधना और व्रत करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।

इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, तो आइए जुलाई महीने में पड़ने वाली एकादशी (Ekadashi in July 2024) किस दिन मनाई जाएगी उसके बारे में जानते हैं -

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देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जुलाई को शाम 08 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 17 जुलाई को शाम 09 बजकर 02 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

कामिका एकादशी शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को शाम 04 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 31 जुलाई को शाम 03 बजकर 55 मिनट पर होगा। यानी 31 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी। साथ ही इसका पारण 1 अगस्त को होगा।

भगवान विष्णु पूजन मंत्र

1. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

2. ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

3. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।