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Ekadashi 2022: आखिर क्यों एकादशी के दिन चावल खाने की है मनाही, जानिए कारण

Ekadashi 2022 एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इस दिन तामसिक भोजन के साथ-साथ चावल खाने की मनाही होती है। जानिए आखिर क्यों एकादशी के दिन चावल खाना है वर्जित।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Thu, 20 Oct 2022 08:42 AM (IST)
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Ekadashi 2022: आखिर क्यों एकादशी के दिन चावल खाने की है मनाही, जानिए कारण

नई दिल्ली, Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी का काफी अधिक महत्व है। भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत में विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखा जाता है। साल में 24 एकादशी पड़ती है। ऐसे में हर मास में 2 एकादशी पड़ती है पहली कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से सभी दुखों, कष्टों और पापों से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन के कुछ नियम है जिन्हें जरूर पालन करना चाहिए। ऐसा ही एक नियम है कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाने चाहिए। जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।

पंचांग के अनुसार, 21 अक्टूबर को रमा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रमा एकादशी कहते हैं। यह एकादशी काफी शुभ मानी जाती है।

चावल न खाने का धार्मिक कारण

पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि मेधा से मां शक्ति के क्रोध से बचने के लिए धरती में अपने शरीर का त्याग कर दिया था। कहा जाता है कि जिस दिन उन्होंने अपना शरीर त्यागा उस दिन एकादशी थी। जब महर्षि ने अपना शरीर त्याग दिया तो वह चावल और जौ के रूप में धरती में जन्म लिया। इसी कारण चावल और जौ को जीव के रूप में माना जाता है। एकादशी के दिन इनका सेवन करना यानी महर्षि मेधा के खून और रक्त का सेवन करने के बराबर है।

वैज्ञानिक कारण

 एकादशी के दिन चावल न खाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपा है। इसके अनुसार, चावल में अधिक मात्रा में पानी पाया जाता है। ऐसे में पानी में चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है और चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। जब व्यक्ति एकादशी के दिन चावल का सेवन करता है, तो उसके शरीर में अधिक मात्रा में पानी हो जाता है। ऐसे में उसका मन चंचल और विचलित होने लगता है। ऐसे में उसे अपना व्रत पूर्ण करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

Pic Credit- Freepik/instagram/_jadevine15_

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।