Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर करें गणेश स्तोत्र का पाठ, दूर होगी आर्थिक तंगी
संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस शुभ दिन पर भक्त बप्पा की पूजा के साथ उनके लिए व्रत करते हैं। एक माह में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। बता दें शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस शुभ दिन पर भक्त बप्पा की पूजा के साथ उनके लिए व्रत करते हैं। एक माह में दो चतुर्थी तिथि आती हैं, जिनका अपना-अपना एक खास महत्व है। बता दें, शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
इस माह एकदंत संकष्टी चतुर्थी तिथि 26 मई, 2024 यानी आज मनाई जा रही है। इस मौके पर बप्पा के ''गणेश स्तोत्र'' का पाठ करना भी बेहद लाभकारी माना जाता है।
॥गणेश स्तोत्र॥
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥॥लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥॥नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥॥विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥॥जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥॥अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥