Falgun Amavasya 2024: कब है फाल्गुन अमावस्या? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
सनातन धर्म में फाल्गुन माह का अधिक महत्व है। इस माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 10 मार्च को है।पंचांग के अनुसार इस तिथि का महत्व धार्मिक दृष्टि से बेहद खास है। यह तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान ध्यान और दान करने विधान है तो आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Mon, 04 Mar 2024 09:54 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Falgun Amavasya 2024 Date: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का अधिक महत्व है। प्रत्येक महीने में एक बार अमावस्या मनाई जाती है। यह तिथि पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान, ध्यान और दान करने विधान है। साथ ही व्रत करने से इंसान को सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
फाल्गुन अमावस्या 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 09 मार्च की शाम को 06 बजकर 17 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 10 मार्च को दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर तिथि का समापन होगा। उदया तिथि के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च को मनाई जाएगी।यह भी पढ़ें: Holi 2024: साल 2024 में कब मनाई जाएगी होली? जानिए हिंदू धर्म में क्यों इतना महत्वपूर्ण है ये त्योहार
फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि
- फाल्गुन अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और दिन की शुरुआत ईश्वर के ध्यान से करें।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान, जप-तप और दान करने का विधान है। ऐसे में पवित्र नदी में स्नान करें और और विशेष चीजों का दान करें।
- इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। साथ ही पितरों की मोक्ष प्राप्ति की प्रार्थना करें।
- आप अपनी श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों को कपड़े, भोजन और धन का दान कर सकते हैं।
- अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है, तो ऐसे में फाल्गुन अमावस्या के दिन विधिपूर्वक पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
- इसके अलावा अमावस्या के दिन चीटियों को आटा अवश्य खिलाएं।
- पितरों को प्रसन्न करने के लिए पिंडदान और तर्पण जरूर करें।
- ऐसा कहा जाता है कि यदि हर अमावस्या पर आप पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाते हैं, तो फाल्गुन अमावस्या जैसी कुछ विशेष अमावस्याएं होती हैं, जिन पर ये श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।