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Falgun Month 2024: फाल्गुन माह में जरूर करें लड्डू गोपाल की सेवा और अभिषेक, जानिए पूजा का सही नियम

फाल्गुन माह (Falgun Month 2024) में लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही उनका नियमित रूप से अभिषेक करने से सभी परेशानियां का अंत होता है। यही वजह है कि धार्मिक दृष्टिकोण से इस पूरे माह लड्डू गोपाल की सेवा और अभिषेक करने पर जोर दिया गया है। तो आइए अभिषेक करने की सही विधि जानते हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 24 Feb 2024 09:19 AM (IST)
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ऐसे करें लड्डू गोपाल की सेवा और अभिषेक

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Falgun Month 2024: सनातन धर्म में फाल्गुन माह का अपना एक महत्व है। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने पूजा-पाठ पर जोर दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि फाल्गुन माह में लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही उनका नियमित रूप से अभिषेक करने से सभी परेशानियां का अंत होता है।

यही वजह है कि धार्मिक दृष्टिकोण से इस पूरे माह लड्डू गोपाल की सेवा और अभिषेक करने पर जोर दिया गया है।

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ऐसे करें लड्डू गोपाल की सेवा और अभिषेक

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद भगवान कृष्ण का ध्यान भावपूर्ण करें।
  • आचमन के साथ अपनी पूजा की शुरुआत करें।
  • लड्डू गोपाल को शुद्ध जल या फिर गंगा जल से स्नान कराएं।
  • जल में तुलसी पत्र जरूर शामिल करें।
  • इसके साथ ही लड्डू गोपाल को केसर मिश्रित दूध से स्नान कराएं।
  • फिर पंचामृत से लड्डू गोपाल को स्नान कराएं।
  • उन्हें सूखे कपड़ों से पोंछें।
  • नए वस्त्र धारण कराएं।
  • लड्डू गोपाल को इत्र लगाएं।
  • लड्डू गोपाल के पूरे शरीर पर गोपी चंदन का लेप लगाएं।
  • फिर हल्दी या गोपी चंदन का तिलक लगाएं।
  • मुरलीधर को माखन मिश्री का भोग लगाएं।
  • अंत में भक्ति के साथ मोहन की आरती करें।
  • शंखनाद से अपनी पूजा को पूर्ण करें और घर के सभी सदस्य में प्रसाद का वितरण करें।

अभिषेक के दौरान इन मंत्रों का जाप करें

1. ॐ नम: भगवते वासुदेवाय

2. ॐ कृष्णाय वासुदेवाय गोविंदाय नमो नम:

3. गंगा, सरस्वती, रेवा, पयोष्णी, नर्मदाजलैः। स्नापितोअसि मया देव तथा शांति कुरुष्व मे।।

4. पंचामृतं मयाआनीतं पयोदधि घृतं मधु। शर्करा च समायुक्तं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्।।

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