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Diwali 2024: दीवाली आने में बाकी हैं कुछ दिन, नोट करें लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त

दीवाली का दिन बेहद खास माना जाता है। इस साल यह 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन लोग धन की देवी लक्ष्मी माता और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा से सुख-शांति और सौभाग्य में वृद्धि होती है जब दीवाली को कुछ ही दिन शेष रह गए हैं तो आइए लक्ष्मी-गणेश पूजन (Diwali 2024 Pujan Muhurat) का शुभ मुहूर्त जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 24 Oct 2024 01:12 PM (IST)
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Diwali 2024: लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार बेहद ही शुभ माना जाता है। यह कार्तिक माह में हर साल भक्ति के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व 31 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस मौके (Diwali 2024) पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही धन में वृद्धि होती है।

वहीं, सनातन परंपरा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन घर में दीपक जलाने का भी रिवाज है, तो आइए लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त (Lakshmi-Ganesh Pujan Muhurat) जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

लक्ष्मी-गणेश पूजन मुहूर्त (Lakshmi-Ganesh Pujan Muhurat)

पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में ही प्राप्त हो रहा है। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा, जो गृहस्थ में हैं, वे लोग इस समय ही पूजा करें।

लक्ष्मी-गणेश पूजन मुहूर्त ( निशिता मुहूर्त )

जो साधक तंत्र-मंत्र और तांत्रिक पूजा करते हैं, उनके लिए रात की पूजा यानी निशिता काल की पूजा ज्यादा फलदायी होती है। ऐसे में 31 अक्टूबर को निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

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लक्ष्मी पूजन मंत्र

  • ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।
  • ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।
  • ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा।।

गणेश जी पूजन मंत्र

  • एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।
  • वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रथ। निर्विघ्नं कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

कार्तिक अमावस्या पूजन नियम

  • कार्तिक अमावस्या यानी दीवाली के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी या उसके जल को स्नान के पानी में मिलाकर स्नान करें।
  • सूर्य को अर्घ्य दें।
  • पितरों के लिए तर्पण और नवग्रह की पूजा करें।
  • प्रदोष काल में भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।
  • शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीपक जलाएं, इससे देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है।
  • तामसिक चीजों से परहेज करें और विवाद करने से बचें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।