Mangla Gauri Vrat 2024: कब है चौथा मंगला गौरी व्रत, अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। मंगला गौरी व्रत (Mangla Gauri Vrat 2024) को विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां करती हैं। ऐसी मान्यता है कि व्रत को करने से पति को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। इस लेख में जानते हैं मंगला गौरी व्रत से जुड़ी जानकारी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mangla Gauri Vrat 2024: सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। इस माह में विधिपूर्वक भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सावन में पड़ने वाले सभी मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। सनातन धर्म में मंगला गौरी व्रत को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पर्व मां गौरी को समर्पित है। मंगला गौरी व्रत के दिन विवाहित महिलाएं वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए मां गौरी की पूजा-अर्चना करती हैं। आइए जानते हैं कि सावन के चौथे मंगला गौरी व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
मंगला गौरी व्रत 2024 शुभ मुहूर्त (Mangla Gauri Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चौथा मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त को किया जाएगा। सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर चौथा मंगला गौरी व्रत पड़ रहा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 23 मिनट से लेकर 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। वहीं,अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक है।यह भी पढ़ें: Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत फलाहार में शामिल करें खास चीजें, अखंड सौभाग्य की होगी प्राप्ति
मंगला गौरी व्रत पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi)
मंगला गौरी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। अब चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को विराजमान करें। अब सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें। मंगला गौरी कथा का पाठ करें या सुनें। इसके बाद जीवन में सुख-शांति की कामना करें। अब फल, मिठाई, हलवा और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। इस दिन दान करना शुभ माना जाता है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
मंगला गौरी व्रत में क्या खाना चाहिए (Mangla gauri Vrat Me Kya Khana Chahiye)
मंगला गौरी व्रत में खानपान के नियम का पालन करना बेहद जरुरी होता है। ऐसा माना जाता है कि नियम का पालन न करने से साधक शुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है। मंगला गौरी व्रत के दौरान फल, दूध, दही साबूदाने की खीर और साबूदाने की खिचड़ी का सेवन किया जा सकता है। यह भी पढ़ें: Sawan 2024: सावन माह अपने ससुराल में निवास करते हैं भगवान शिव, बेहद रोचक है वजहअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।