Sawan Somwar 2024: सावन के चौथे सोमवार पर करें इस स्तोत्र का पाठ, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता
सावन के महीने में आने वाले व्रत और त्योहारों का महत्व और भी बढ़ जाता है। सावन सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मत है कि सावन सोमवार के दिन महादेव की उपासना और व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अगर आप शिव जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan Somwar 2024: सावन का पवित्र महीना देवों के देव महादेव को सर्वाधिक प्रिय है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में जो साधक भगवान शिव की सच्चे मन से उपासना करता है, उसे जीवन में सुख और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार, सावन का चौथा सोमवार व्रत 12 अगस्त को है। ऐसी मान्यता है कि सोमवार की पूजा के दौरान शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से जातक का जीवन खुशियों से भर जाता है और सभी मुरादें पूरी होती हैं। इसके अलावा सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। आइए पढ़ते हैं शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र।
कब है सावन का चौथा सोमवार व्रत?
सावन का चौथा सोमवार व्रत शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर किया जाएगा। सप्तमी तिथि 12 अगस्त को है। पंचांग के अनुसार, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 23 मिनट से लेकर 05 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।यह भी पढ़ें: Sawan Somwar 2024: सावन के चौथे सोमवार पर करें भगवान शिव का राशि अनुसार अभिषेक, चमक जाएगी आपकी किस्मत
शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र (Rudrashtakam Stotram Lyrics in Hindi)
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।करालं महाकालकालं कृपालं ।गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।यह भी पढ़ें: Sawan 2024: सावन सोमवार के दिन इन मंत्रों के जप से करें भगवान शिव को प्रसन्न, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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