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Ganesh Chaturthi 2022: भगवान गणपति के हर अंग से ले सकते हैं बड़ी सीख, इन्हें धारण करने से बदल जाएगा जीवन

Ganesh Chaturthi 2022 वेद शास्त्रों में भगवान गणपति के शरीर का हर अंग और शस्त्र के सही मायने बताए गए हैं। जिनका पालन करके व्यक्ति अपना भाग्य जगा सकता है और हर तरह के कष्टों से छुटकारा पा सकता है।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2022 12:03 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2022: भगवान गणपति के हर अंग से ले सकते हैं बड़ी सीख

नई दिल्ली, Ganesh Chaturthi 2022: इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 31 अगस्त से शुरू हो रहा है और 10 दिनों तक भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा करने का विधान है। देश के कोने-कोने में गणेश जी के पंडाल सजेंगे, तो घरों में भी गणपति बप्पा विराजेंगे। हर कोई बप्पा की भक्ति में डूबा रहता है। माना जाता है कि गणपति बप्पा को घर में स्थापित करने से रिद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ भी घर में विराजित हो जाते है। विघ्नहर्ता गणपति स्वरूप में चाहे जैसे भी है, लेकिन उनके इन शरीर से कुछ सीख लेकर अपने जीवन को पूर्ण रूप से बदल सकते हैं।

जानिए गणपति बप्पा के हर एक अंग का अर्थ

बड़े कान

गणेश जी के बड़े कान इस बात को दर्शाते हैं कि व्यक्ति को एक अच्छा श्रोता बनना चाहिए। हर तरह की अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए और उन्हें अपनी जिंदगी में उतारना चाहिए। इससे सफल जीवन की ओर अग्रसर होंगे।

गणेश जी का माथा

भगवान गणेश का माथा काफी विशाल है जिसे बुद्धि का प्रतीक माना जाता है। गणेश जी के बड़े माथा का मतलब है कि हर काम में बुद्धि लगाकर करनी चाहिए। तभी व्यक्ति को सफलता हासिल होगी और हर काम में समस्या से छुटकारा पा सकेंगे।

गणपति का पेट

भगवान गणेश का पेट काफी बड़ा है जो खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। गणपति की का बड़ा पेट दर्शाता है कि अच्छी और बुरी बातों को अच्छी तरह समझें। यानि जो बात सही हो उन्हें आसानी से पचा लें और हर एक निर्णय को सूझ-बूझ कर कर लें।

भगवान गणेश की सूंड

भगवान गणेश की सूंड हमेशा हिलती रहती है। इसका मतलब है कि व्यक्ति को हमेशा एक्टिव रहना चाहिए। जब तक वह एक्टिव नहीं रहेगा तब तक वह सफलता ही सीढ़ियों पर नहीं चढ़ पाएगा।

बप्पा की आंखे

भगवान गणेश की आंखें दूरदर्शिता को दर्शाती है। इसलिए हर एक काम और परिस्थिति को सूक्ष्म दृष्टि से देखनी चाहिए। हर एक चीज का गहराई से अध्ययन करना चाहिए।

एकदंत गणपति जी

भगवान गणेश और परशुराम की लड़ाई हुई थी जिसमें परशुराम ने अपने फरसा से गणपति जी का एक दांत काट दिया था। बाद में गणपति जी ने इसी दांत से पूरी महाभारत लिख दी थी। इससे हमें यहीं शिक्षा मिलती है कि हर एक चीज का सदुपयोग करना चाहिए। किसी भी चीज को बेकार समझकर फेंक नहीं देना चाहिए बल्कि उसका किसी न किसी तरह इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

भगवान गणेश का शस्त्र

शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश का शस्त्र कुल्हाड़ी है जो इस बात को दर्शाती है कि वह सभी बंधनों से मुक्त है। अगर मनुष्य चाहे, तो वह क्रोध, लालसा, लालच, बुराइयों को जड़ से काटकर फेंक सकता है।

भगवान गणेश का वाहन

भगवान गणेश का वाहन मूषक राज है। इसका अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी इच्छाओं की सवारी करनी चाहिए। तभी वह आने वाले समय में सफल हो सकता है। जिस तरह चूहे एक ही रास्ते में चलते रहते हैं वह कभी भी विपरीत नहीं जाते।

गणपति जी का प्रिय मोदक

भगवान गणेश को मोदक सबसे ज्यादा प्रिय है। मोदक का अर्थ है आनंद लेने वाला और मान का प्रतीक। इसी के कारण मोदक को ज्ञानमोदक भी कहते हैं। मोदक दर्शाता है कि व्यक्ति को जीवन में आनंद चाहिए तो उसे हमेशा शुद्ध और सात्विक होना चाहिए।

Pic Credit- Freepik

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