Ganesh Chaturthi 2023: कब से हो रहा है गणेश उत्सव का शुभारंभ? जानिए तिथि, स्थापना मुहूर्त और विधि
Ganesh Utsav 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी से देशभर में गणेश चतुर्थी पर्व का शुभारंभ हो जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान भक्त बप्पा को अपने घर लाते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदा कर देते हैं। आइए जानते हैं वर्ष 2023 में कब मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी पर्व मुहूर्त और स्थापना विधि।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Ganesh Chaturthi 2023 Date: सनातन धर्म में 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव पर्व का विशेष महत्व है। बता दें कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव का शुभारंभ हो जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भक्त ढोल-नगाड़ों के साथ बप्पा को घर पर लेकर आते हैं और विधिवत उपासना करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर्व को भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के भगवान गणेश का जन्म हुआ था। 10 दिनों तक धूम-धाम से गणेश उत्सव को मनाने के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को विदा कर दिया जाता है। आइए जानते हैं, वर्ष 2023 में कब मनाया जाएगा गणेश चतुर्थी पर्व, तिथि और शुभ मुहूर्त?
गणेश चतुर्थी 2023 तिथि कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल की चतुर्थी की शुरुआत, 18 सितंबर दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से होगी और 19 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर्व 19 सितंबर 2023, मंगलवार के दिन से मनाया जाएगा।
गणेश चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त कब?
पंचांग में बताया गया है कि गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न पूजा मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 26 मिनट के बीच रहेगा। वहीं इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इसके साथ इस दिन स्वाती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
गणेश चतुर्थी 2023 पूजा विधि क्या?
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गणेश चतुर्थी पर्व के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।
फिर शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं और मंत्रोंच्चारण के साथ भगवान गणेश को स्थापित करें।
इसके बाद भगवान गणेश को हल्दी, चंदन, सिंदूर, रोली, मौली, दूर्वा, फल, फूल और माला अर्पित करें।
भोग के रूप में भगवान गणेश को मोदक या लड्डू अर्पित करें और अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
शास्त्रों में यह विदित है कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
गणेश चतुर्थी पर्व भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इन दस दिनों में भगवान गणेश की उपासना करने से साधक को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।