Ganesh Chaturthi 2024: भाद्रपद माह में क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी? वजह है बेहद खास
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर महादेव के पुत्र गणपति बप्पा को गाजे-बाजे के साथ घर लाया जाता है और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही उन्हें मोतीचूर के लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाता है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी के पर्व का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। हर साल भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस खास अवसर पर देशभर में खास रौनक देखने को मिलती है। गणपति बाप्पा के मंदिरों को सजाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। वहीं, इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan 2024) के साथ होता है। क्या आपको पता है कि भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
ये है वजह
पौराणिक कथा के अनुसार, भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा का अवतरण हुआ था। इसलिए हर साल इस तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। यह उत्सव 10 दिनों तक यानी अनंत चतुर्दशीतक चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन पवित्र नदी या घर में ही पानी के टप में गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है। इस उत्सव की धूम देशभर में देखने को मिलती है।
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कब है गणेश चतुर्थी 2024
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 06 सितंबर, 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार, 07 सितंबर को मनाया जाएगा।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
करें ये उपाय
- माना जाता है कि भगवान गणेश जी को दूर्वा प्रिय है। ऐसे में गणेश चतुर्थी की पूजा थाली में दूर्वा जरूर शामिल करें। इसको अर्पित करते समय सच्चे मन से 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जप करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होकर साधक के सभी तरह के विघ्न को दूर करते हैं।
- अपनी मनचाही इच्छा को पूरी करने के लिए गणेश चतुर्थी का दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है। भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद गुड़ की छोटी-छोटी 21 गोलियां बनाएं। इसे पूजा के समय भगवान गणेश को अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि इस टोटके को करने से जातक की सभी मनचाही इच्छा पूरी होती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।