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Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश को दूर्वा के साथ अर्पित करें यह एक चीज, धन में होगी अपार वृद्धि

गणेश चतुर्थी पर गौरी पुत्र गणेश की पूजा का विधान है। यह समय बेहद ही खास होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान बप्पा की पूजा करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही बप्पा का आशीर्वाद मिलता है। इस साल यह पर्व (Ganesh Chaturthi 2024 ) 7 सितंबर 2024 यानी आज से शुरू हो रहा है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 07 Sep 2024 12:30 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2024: बप्पा को अर्पित करें दूर्वा के साथ शमी पत्र।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म के सबसे शुभ पर्वों में से एक गणेश चतुर्थी को माना जाता है। इस साल यह शनिवार, 7 सितंबर यानी आज से शुरू हो रहा है। इस दौरान भगवान गणेश की पूजा सच्चे भाव के साथ करने से ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह उत्सव दस दिनों तक चलता है, जिसका समापन दिन मंगलवार 17 सितंबर, 2024 को होगा, तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।

बप्पा को अर्पित करें दूर्वा के साथ शमी पत्र (Ganesh Chaturthi 2024 Upay)

जो साधक भगवान गणेश को प्रसन्न करने की कामना करते हैं, उन्हें गणेश चतुर्थी पर बप्पा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके साथ कुछ लोग जो समय के अभाव के कारण ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें बप्पा के समक्ष एक ऐसी घी का दीपक जलाना चाहिए। फिर उन्हें दूर्वा के साथ शमी के पत्ते अर्पित करने चाहिए।

इसके साथ ही गौरी पुत्र के किसी भी वैदिक मंत्र का जाप लगातार मन ही मन करते रहना चाहिए। ऐसा करने से साधक को अपार सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही कभी न समाप्त होने वाला ज्ञान प्राप्त होगा।

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भगवान गणेश की शाम का पूजन समय (Ganesh Chaturthi 2024 Muhurat )

भगवान गणेश की शाम के समय की पूजा (Ganesh Puja) 6 बजकर 37 मिनट से रात को 8 बजकर 4 मिनट तक के बीच होगी। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही रवि योग दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।