Ganesh Chaturthi 2024: बुद्धि-विवेक के देवता और रिद्धि-सिद्धि के स्वामी, इसलिए कहलाते हैं मंगलकारी
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता प्रथम पूज्य देव और विनायक जैसे कई नामों से जाना जाता है। भगवान गणेश (ganesh chaturthi 2024) को लेकर धार्मिक ग्रंथों में कई पौराणिक कथाएं मिलती हैं। कहा जाता है कि भगवान गणेश अशुभ और अमंगल नाश करते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि गणेश जी के विभिन्न रूप आपको क्या शिक्षा दे सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा (Lord Ganesha Puja) की जाती है, ताकि वह कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो सके। इसलिए जब भी कोई शुभ कार्य किया जाता है, तो उसे श्रीगणेश करना कहा जाता है। आज यानी शनिवार, 07 सितंबर से गणेशोत्सव (vinayaka pooja) की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में हम आपको इस शुभ अवसर पर बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों बप्पा मंगलकारी देवता कहलाते हैं।
प्रथम पूज्य देव
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देव कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गणपति सभी दिशाओं के स्वामी हैं और उनकी आज्ञा के बिना देवता पूजा स्थल पर नहीं पहुंचते। क्योंकि गणेश जी सबसे पहले दिशाओं की बाधा दूर करते हैं। यही कारण है कि किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले भगवान गणपति (ganpati puja) का आह्वान किया जाता है।
वाहन मूषक राज भी देता है संदेश
जहां अन्य देवी-देवताओं के विशाल और ताकतवर वाहन मिलते हैं, वहीं गणेश जी एक छोटे-से चूहे की सवारी करते हैं। यह भी उनके दया भाव को दर्शाता है। उन्हें एक छोटे-से चूहे को ही इतना ताकतवर बना दिया कि वह उनका भार उठा सके। साथ ही उनका एक मूषक को अपनी सवारी के रूप में चुनना यह भी दर्शाता है कि कभी भी किसी को कमजोर या तुच्छ नहीं समझना चाहिए।
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पत्नी रिद्धि-सिद्धि
धार्मिक ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि गणपति जी की दो पत्नियां है जिनका नाम रिद्धि-सिद्धि है। यहां रिद्धि का तात्पर्य वृद्धि यानी लाभ से है। वहीं सिद्धि का शुभता से जोड़कर देखा जाता है। इसलिए यह माना जाता है कि गणपति (ganapati) जी की पूजा से रिद्धि-सिद्धि का जीवन में आगमन होता है।
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