Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ganesh Chaturthi 2024: मांगलिक कार्य में सर्वप्रथम क्यों होती है भगवान गणेश की पूजा? पढ़ें इससे जुड़ी कथा

भाद्रपद माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस वर्ष यह त्योहार आज यानी 07 सितंबर (Ganesh Chaturthi Kab Hai 2024) को देशभर में मनाया जा रहा है। घर में शुभ और मांगलिक कार्य के दौरान विधिपूर्वक महादेव के पुत्र के भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं सबसे पहले गणेश की पूजा करने की वजह के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 07 Sep 2024 01:13 PM (IST)
Hero Image
Lord Ganesh: अनंत चतुर्दशी तक चलता है गणेश उत्सव

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Chaturthi 2024: भाद्रपद माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश (Lord Ganesh) को समर्पित है। सनातन धर्म में भगवान गणेश की उपासना का विशेष महत्व है। शुभ और मांगलिक कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना (Ganesh Chaturthi Puja Vidhi) करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ और मांगलिक कार्य सफल होते हैं। क्या आपको पता है कि किसी खास अवसर पर सर्वप्रथम गणपति बप्पा की उपासना क्यों की जाती है। अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी कथा (Ganesh Chaturthi Katha) के बारे में।

इसलिए होती है सबसे पहले गणेश जी की पूजा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार श्रेष्ठता को लेकर देवी-देवताओं के विचारों में मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई। सभी अपने आप को श्रेष्ठ बताने लगे और सर्वप्रथम खुद को पूज्य कहने लगे। इस चर्चा में महर्षि नारद मौजूद थे। ऐसे में नारद जी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि इस विषय का उत्तर महादेव से जानने की कोशिश की जाए। इसके बाद सभी देवता शिव जी के पास पहुचें। सभी देवी-देवताओं की बात को सुनकर महादेव ने कहा कि आप सभी अपने वाहनों पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा कर आएं।

यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी व्रत में करें इन चीजों का सेवन, गणपति बप्पा सभी मुरादें करेंगे पूरी

जो सबसे पहले ब्रह्मांड की परिक्रमा कर वापस आएगा। उन्हें विजयश्री मिलेगी और उनकी पूजा सर्वपथम की जाएगी। इसके पश्चात सभी देवी-देवता अपने वाहन पर सवार होकर परिक्रमा के लिए निकल पड़े। इस दौड़ में गणेश जी भी शामिल थे, लेकिन उन्होंने ब्रह्मांड की परिक्रमा नहीं लगाई।  

इसके बदले में गणेश जी ने महादेव और मां पार्वती की परिक्रमा की और उन्हें प्रणाम किया। जब एक देवता ब्रह्मांड की परिक्रमा लगाकर आए, तो महादेव ने भगवान गणेश को विजेता घोषित कर दिया और कहा कि जीवन में माता और पिता से बढ़कर कोई नहीं है। जब आप माता और पिता की परिक्रमा कर लेते हैं, तो आपको किसी परिक्रमा की आवश्यकता नहीं पड़ती है। आज से भगवान गणेश की पूजा (Ganesh Chaturthi Puja Time) सर्वप्रथम की जाएगी। तभी से सबसे पहले गणपति बप्पा की पूजा की जाती है।

यह भी पढ़ें: Ganesh Chaturthi 2024: चतुर्थी पर गलती से देख लिया है चांद, तो दोष से बचने के लिए करें ये 5 काम


 

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।