Ganesh Chaturthi 2025 Date: 26 या 27 अगस्त, किस दिन से शुरू होगा गणेश उत्सव? यहां जानें शुभ मुहूर्त और योग
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2025 Date) तिथि पर दुर्लभ शुभ और शुक्ल योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान गणेश जी की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का खास महत्व है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद महीने में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गणपति बप्पा की पूजा और भक्ति की जाती है। देश भर में गणेश चतुर्थी का त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गणेश पूजा को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिलता है। हर घर में प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान से गणपति बप्पा की पूजा की जाती है।
धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। हालांकि, गणेश महोत्सव की तिथि को लेकर भक्तजन दुविधा में हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
कब से शुरू होता है गणेश महोत्सव?
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश महोत्सव शुरू होता है। वहीं, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। दस दिवसीय गणेश महोत्सव देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।
कब मनाई जाती है हरतालिका तीज?
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है। इसके अगले दिन गणेश महोत्सव शरू होता है। इस साल 25 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुरू होगी। वहीं, 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट पर तृतीया तिथि समाप्त होगी। ज्योतिषियों और वेदाचार्यों की मानें तो 26 अगस्त को हरतालिका तीज मनाई जाएगी।
कब मनाया जाएगा चौरचन?
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर चौरचन मनाया जाता है। यह पर्व बिहार में धूमधाम से मनाया जाता है। मैथिली पंचांग के अनुसार, 26 अगस्त को चंद्र देव को समर्पित चौरचन मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर संध्याकाल में चंद्र देव की पूजा की जाती है।
कब से शुरू होगा गणेश महोत्सव?
सनातन धर्म में निशा काल पूजा को छोड़कर अन्य सभी पूजा में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए गणेश चतुर्थी पर उदया तिथि से गणना की जाएगी। इस प्रकार 27 अगस्त से गणेश महोत्सव की शुरुआत होगी। वहीं, 06 सितंबर को गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 52 मिनट पर
- चंद्रास्त- शाम 08 बजकर 28 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 03 बजकर 58 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 13 मिनट तक
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