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Ganesh Jayanti 2024: कब है गणेश जयंती ? ऐसे करें विघ्नहर्ता गणेश को प्रसन्न

गणेश जयंती (Ganesh Jayanti 2024) का पर्व सनातन धर्म में बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश को मोदक और लाल रंग का चोला अर्पित करना चाहिए। इससे मनचाही इच्छा पूर्ण होती है। साथ ही ज्ञान और कला में वृद्धि होती है। जो जातक लगातार किसी समस्या से परेशान हैं उन्हें विघ्नहर्ता की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Mon, 12 Feb 2024 10:16 AM (IST)
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Ganesh Jayanti 2024: गणेश जयंती शुभ मुहूर्त और तिथि
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Jayanti 2024: गणेश जयंती के पर्व को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पर्व को लोग माघी गणपति, माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र क्षेत्र में मनाया जाता है। इस साल यह 13 फरवरी के दिन मनाया जाएगा। यह वह खास समय है, जब लोग भक्ति भाव से गणेश जी की वंदना करते हैं। तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानते हैं -

गणेश जयंती शुभ मुहूर्त और तिथि

माघ माह के शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि की शुरुआत 12 फरवरी, 2024 दिन सोमवार शाम 5:44 मिनट से होगी। वहीं इसका समापन 13 फरवरी दिन मंगलवार दोपहर 2:41 मिनट पर होगा। इसके साथ ही गणेश जयंती की पूजा का समय 13 फरवरी दोपहर 11: 29 से 1:42 का है।

गणेश जयंती पूजा विधि

इस शुभ दिन को और भी खास बनाने के लिए भक्त उपवास रखते हैं और बप्पा की सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। कुछ लोग अपनी और अपने परिवार के समृद्धि को बढ़ाने के लिए अपने घर में भगवान गणेश की नई प्रतिमा भी लाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश को मोदक और लाल रंग का चोला अर्पित करना चाहिए। इससे मनचाही इच्छा पूर्ण होती है।

साथ ही ज्ञान और कला में वृद्धि होती है। जो जातक लगातार किसी समस्या से परेशान हैं उन्हें विघ्नहर्ता की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

भगवान गणेश का मंत्र

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

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