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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी के दिन क्यों चंद्र दर्शन की होती है मनाही? गलती से दिख जाए तो करें यह कार्य

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का खास महत्व है। यह पर्व बप्पा को पूर्ण रूप से समर्पित है। इस बार गणेश महोत्सव (Ganesh Chaturthi 2024 Date) की शुरुआत 6 सितंबर दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सभी विघ्नों का अंत होता है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 06 Sep 2024 12:22 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं किया जाता है चंद्रमा का दर्शन?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश चतुर्थी, जिस गणेश महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, यह सनातन धर्म के सबसे प्रमुख और पूजनीय त्योहारों में से एक है। यह बप्पा के जन्म का प्रतीक है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान (Ganesh Chaturthi 2024) बप्पा की पूजा करने से सभी बाधाओं का नाश होता है, जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें पवित्रता और कुछ पूजन नियमों का पालन भक्ति भाव के साथ करना चाहिए। इससे जीवन में समृद्धि आती है। इस साल गणेश महोत्सव की शुरुआत 07 सितंबर से हो रही है।

गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं किया जाता है चंद्रमा का दर्शन?

चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024 Date) के मौके पर चंद्रमा को नहीं देखने की मान्यता है। इसे लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक का जिक्र हम आज करेंगे। जब एक बार श्री गणेश धरती लोक की परिक्रमा करने निकले थे। इस दौरान सभी देवी-देवता उन्हें नमन कर रहे थे, लेकिन चंद्र देव ने अपनी चमक, रोशनी और खूबसूरती के गुमान में उनके गजानन मुख का मजाक उड़ा दिया था।

उनके इस अभिमान को समाप्त करने के लिए भगवान गणेश ने उन्हें सदैव के लिए काले होने का श्राप दे दिया था। इस घटना के बाद जब चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो उन्होंने इसके लिए बप्पा से क्षमा मांगी।

जिसपर गणेश जी ने कहा कि 'यह श्राप पूर्ण रूप से तो समाप्त नहीं हो सकता है, लेकिन इसे कम अवश्य किया जा सकता है। तब उन्होंने इसका प्रभाव कम करते हुए कहा, 'जो लोग चुतर्थी के मौके पर चांद को देखेंगे उन्हें बेवजह कलंक का सामना करना पड़ेगा'।

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चतुर्थी पर हो जाए चंद्र दर्शन तो करें यह कार्य

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस तिथि चंद्रमा के दर्शन करते हैं, उन्हें झूठे आरोपों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही निर्दोष होने पर भी बदनामी का सामना करना पड़ता है। इसके बारे में आपने अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से भी सुना होगा।

इसलिए गलती से भी इस मौके पर चांद को न देखें। यदि आपने अंजाने में यह गलती कर दी है, कृष्ण-कृष्ण का जाप अवश्य करें। इससे उसका प्रभाव कम हो जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।