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Ganesh Visarjan 2023: गणेश विसर्जन के दौरान इन नियमों का रखें ध्यान, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

Ganesh Utsav 2023 19 सितंबर 2023 से गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में पूरे देश में बड़े ही उत्साह मनाया जाता है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ होता है। इस साल गणेश विसर्जन 28 सितंबर 2023 गुरुवार के दिन किया जाएगा। आइए जानते हैं गणपित विसर्जन के निमय।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 22 Sep 2023 11:13 AM (IST)
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Ganesh Visarjan ke Niyam गणेश विसर्जन के दिन इस नियमों का रखें ध्यान।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ganesh Visarjan ke Niyam: हिंदू धर्म में गणेश जी की पूजा विशेष महत्व रखती है। बप्पा को विघ्नहर्ता, खुशकर्ता, विनायक आदि कई नामों से भी जाना जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपित विसर्जन किया जाता है। कुछ लोग डेढ़, तीन, पांच अथवा सातवें दिन भी गणपति विसर्जन करते हैं।

विसर्जन से पहले करें ये काम

गणपति जी के विसर्जन से पहले उनकी विधि-विधान पूर्वक पूजा करनी चाहिए। गणेश जी को लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि गणपति को अर्पित करें। परिवार के साथ गणपति की आरती करें। यदि संभव हो तो आप हवन भी कर सकते हैं। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी अपने घर लौटते हैं। ऐसे में उन्हें खाली हाथ विदा नहीं करना चाहिए, इसलिए विसर्जन से पहले उनके हाथ में लड्डू की पोटली दे सकते हैं।

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इस तरह करें विसर्जन

अगर मिट्टी की छोटी मूर्ति है तो अपने घर पर ही पानी के टब में गणपति जी का विसर्जन कर सकते हैं। मिट्टी घुलने के बाद पानी को गमलों में डाल दें। अगर मूर्ति बड़ी है किसी नियत स्थान या तालाब में विसर्जन कर सकते हैं। विसर्जन के दौरान गणपति से फिर से आने के लिए कहें। बप्पा के विसर्जन के समय स्वच्छता का पूरा ख्लाय रखें। मन में बुरे विचार लाने से बचें। साथ ही विसर्जन के बाद भी मांस-मदिरा आदि के सेवन से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'