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Ganesh Visarjan 2023: गणेश विसर्जन के दिन इन शुभ योग का हो रहा है निर्माण, इन राशियों की बदलेगी किस्मत

Ganesh Visarjan 2023 पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 12 मिनट से हो रहा है जो दिन भर रहेगा। साथ ही वृद्धि योग भी बन रहा है। शुभ कार्यों के लिए वृद्धि योग उत्तम माना जाता है। इसके अलावा गणेश विसर्जन के दिन पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 25 Sep 2023 03:05 PM (IST)
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Ganesh Visarjan 2023: गणेश विसर्जन के दिन इन शुभ योग का हो रहा है निर्माण, इन राशियों की बदलेगी किस्मत
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Anant Chaturdashi 2023: हर वर्ष अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। इस वर्ष 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है। अतः गुरुवार 28 सितंबर को गणेश विसर्जन किया जाएगा। सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का अवतरण हुआ है। अतः चतुर्थी तिथि से लेकर चतुर्दशी तिथि तक भगवान गणेश की श्रद्धा भाव से पूजा और सेवा की जाती है। वहीं, अनंत चतुर्दशी तिथि पर विधि-विधान से बप्पा की पूजा कर भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो गणेश विसर्जन तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग के निर्माण से 4 राशि के जातकों को सर्वाधिक लाभ प्राप्त होने वाला है। आइए, इन राशियों के बारे में जानते हैं-

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शुभ योग

पंचांग के अनुसार, गणेश विसर्जन तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 12 मिनट से हो रहा है, जो दिन भर रहेगा। साथ ही वृद्धि योग भी बन रहा है। शुभ कार्यों के लिए वृद्धि योग उत्तम माना जाता है। इसके अलावा, गणेश विसर्जन के दिन पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है। भगवान गणेश का अवतार भी भाद्रपद माह में हुआ है। पूर्व भाद्रपद नक्षत्र का दुर्लभ संयोग (मध्य रात्रि 01 बजकर 48 मिनट तक) बन रहा है। इस नक्षत्र में चार चरण होते हैं। अतः चार चरणों में जन्मे जातक को मनचाही मुराद पूरी हो सकती है।

  1. ज्योतिषियों की मानें तो पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण का स्वामी मंगल देव हैं। मंगल देव मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी हैं। अतः गणेश विसर्जन के दिन प्रथम चरण यानी प्रथम तिमाही में जन्मे मेष राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा। साथ ही करियर में भी मनचाही सफलता मिलेगी।
  2. पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के दूसरे चरण का स्वामी शुक्र देव हैं। वहीं, नवमांश वृषभ राशि है। अतः वृषभ राशि के जातक को गणेश विसर्जन के दिन शुभ फल प्राप्त होगा। साथ ही गणेश जी की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होगा। आप भविष्य के लिए रणनीति तैयार कर सकते हैं।
  3. पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के तीसरे चरण का स्वामी बुध देव हैं। ग्रहों के राजकुमार बुध देव मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। अतः गणेश विसर्जन पर मिथुन राशि को शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। साथ ही बिगड़े काम बन सकते हैं। रोजगार और कारोबार में भी मन मुताबिक सफलता मिलेगी।
  4. पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के चौथे चरण का स्वामी चंद्र देव हैं। अतः कर्क राशि के जातकों के भाग्य में वृद्धि होगी। बिगड़े काम बन सकते हैं। परिवार में कोई मांगलिक कार्यक्रम हो सकता है। मानसिक तनाव से निजात मिलेगी। परिवार में खुशनुमा माहौल रहेगा।
डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'