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Ganesh Visarjan 2024: घर पर करना चाहते हैं गणेश विसर्जन, तो इस विधि से गणपति को करें विदा

सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी के पर्व को खास माना जाता है क्योंकि इस दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस भी कहा जाता है। इस दिन गणेश विसर्जन विधिपूर्वक किया जाता है। अगर आप घर पर गणेश विसर्जन करना चाहते हैं तो इसके लिए हम आपको बताएंगे गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan Vidhi 2024) का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 11 Sep 2024 01:27 PM (IST)
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Ganesha Visarjan: विधिपूर्वक करें गणेश विसर्जन (Pic Credit-Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल की चतुर्थी से गणेश महोत्सव की शुरुआत होती है। वहीं, इस उत्सव का समापन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर होता है। इस दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाता है। यह पर्व जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। साथ ही इस तिथि पर गणेश विसर्जन किया जाता है। वर्तमान में कई लोग पर ही गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan 2024) करते हैं। ऐसे में इस लेख में हम आपको बताएंगे कि घर पर गणेश विसर्जन कैसे कर सकते हैं।

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त (Anant Chaturdashi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 16 सितंबर, 2024 को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में अनंत चतुर्दशी मंगलवार, 17 सितंबर को मनाई जाएगी। गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

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इस मुहूर्त में करें गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan Shubh Muhurat)

प्रात मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक।

अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से लेकर 04 बजकर 51 मिनट तक।

सायाह्न मुहूर्त- दोपहर 07 बजकर 51 मिनट से लेकर 09 बजकर 19 मिनट तक।

रात्रि मुहूर्त- दोपहर 10 बजकर 47 मिनट से लेकर 18 सितंबर को रात्रि 03 बजकर 11 मिनट तक।

घर पर ऐसे करें गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan Vidhi)

अगर आप घर पर ही गणेश विसर्जन करना चाहत हैं, तो इसके लिए टप लें और उसमें पानी भर लें। विसर्जन से पहले विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद दूर्वा, मोदक, लाल फूल, लाल चन्दन, पान, सुपारी, धूप और दीप समेत आदि चीजें अर्पित करें। अब आरती करें और बप्पा से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इसके बाद गणेश जी से अपनी गलतियों की क्षमा मांगे। अब गणपति को विसर्जित करें। इसके बाद इस जल को कुछ दिन बाद तुलसी या किसी अन्य पौधे में अर्पित कर दें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।