Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ganesh Visarjan 2024: इस स्तुति के पाठ से गणपति को करें विदा, जीवन के सभी विघ्न होंगे दूर

पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन का पर्व आज यानी 17 सितंबर (Ganesha Visarjan 2024 Date) को मनाया जा रहा है। इस उत्सव के दिन खास रौनक देखने को मिलती है। गणेश विसर्जन से पहले साधक भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही प्रिय चीजों को अर्पित कर प्रभु सुख-शांति की कामना करते हैं। इससे गणेश जी प्रसन्न होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 17 Sep 2024 07:30 AM (IST)
Hero Image
Lord Ganesh: ऐसे करें गणपति बप्पा को प्रसन्न

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल गणेश महोत्सव का त्योहार देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व गणेश जी को समर्पित है। इस उत्सव की शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्ल की चतुर्थी से होती है। वहीं, इसका समापन भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर होता है। चतुर्दशी तिथि पर गणेश विसर्जन किया जाता है। ऐसे में गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan 2024) की पूजा के दौरान सच्चे मन से गणेश स्तुति (Ganesha Stuti) का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक के सभी विघ्न दूर होते हैं।

इस मुहूर्त में करें गणेश विसर्जन (Ganesha Visarjan Shubh Muhurat)

प्रात मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक।

अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से लेकर 04 बजकर 51 मिनट तक।

सायाह्न मुहूर्त- दोपहर 07 बजकर 51 मिनट से लेकर 09 बजकर 19 मिनट तक।

रात्रि मुहूर्त- दोपहर 10 बजकर 47 मिनट से लेकर 18 सितंबर को रात्रि 03 बजकर 11 मिनट तक।

यह भी पढ़ें: Ganpati Visarjan 2024: गणपति विसर्जन के दौरान घर की ओर क्यों नहीं होनी चाहिए बप्पा की पीठ? वजह कर देगी हैरान

गणेश स्तुति का पाठ

मुदा करात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं कलाधरावतंसकं विलासिलोकरञ्जकम्।

अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ।।

नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं नमत्सुरारिनिर्जकं नताधिकापदुद्धरम् ।

सुरेश्वरमं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ।।

समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।

कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं नमस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ।।

अकिंचनार्तिमार्जनं चिरंतनोक्तिभाजनं पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।

प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणं कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ।।

नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजमचिन्त्यरुपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम्।

हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि संततम् ।।

महागणेश पञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं प्रगायति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।

अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ।।

मंगलमुर्ती मोरया।।

श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि

गणेश जी के मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

शुभ लाभ गणेश मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।

भगवान गणेश के मंत्र

'गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।

नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।

धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।

गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।

धन लाभ हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

संकट नाशक मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

यह भी पढ़ें: Ganpati Visarjan 2024: जयकारों के साथ कल होगा गणेश विसर्जन, नोट कर लें गणपति बप्पा की विदाई का समय और नियम

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।