Ganesha Stotram: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर इस स्त्रोत का करें पाठ, जीवन में खुशियों का होगा आगमन
हर वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-व्रत करने का विधान है। इस बार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 30 दिसंबर 2023 को है। गणपति बप्पा को गजानन लंबोदर वक्रतुंड विनायक विघ्नहर्ता आदि नामों से जाना जाता है।भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सभी तरह के दुख और संताप दूर हो जाते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesha Stotram: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का अधिक महत्व है। हर वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-व्रत करने का विधान है। इस बार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 30 दिसंबर 2023 को है। गणपति बप्पा को गजानन, लंबोदर, वक्रतुंड, विनायक, विघ्नहर्ता आदि नामों से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करने से साधक के सभी तरह के दुख और संताप दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख-शांति का आगमन होता है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणेश स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि गणेश स्त्रोत का पाठ करने या सुनने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। आइए पढ़ते हैं गणेश स्त्रोत-
गणेश स्तोत्र:
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥2॥
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥3॥
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥8॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥
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संतान गणपति स्तोत्र
नमोऽस्तु गणनाथाय सिद्धी बुद्धि युताय च।
सर्वप्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च।।
गुरु दराय गुरवे गोप्त्रे गुह्यासिताय ते।
गोप्याय गोपिताशेष भुवनाय चिदात्मने।।
विश्व मूलाय भव्याय विश्वसृष्टि करायते।
नमो नमस्ते सत्याय सत्य पूर्णाय शुण्डिने।।
एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नम:।
प्रपन्न जन पालाय प्रणतार्ति विनाशिने।।
शरणं भव देवेश सन्तति सुदृढ़ां कुरु।
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गण नायक।।
ते सर्वे तव पूजार्थम विरता: स्यु:रवरो मत:।
पुत्रप्रदमिदं स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम्।।
1. गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
2. शुभ लाभ गणेश मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
3. सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
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Author- Kaushik Sharma
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