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Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर भगवान शिव को लगाएं ये भोग, मिलेगा अभय वरदान

गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2024) का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। ऐसे में इस शुभ तिथि पर देवी गंगा की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है। इस बार यह पर्व (Ganga Dussehra 2024) 16 जून 2024 दिन रविवार को मनाया जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 14 Jun 2024 10:47 AM (IST)
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Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा भोग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गंगा दशहरा के पर्व का खास महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन मां गंगा पृथ्वी लोक पर अवतरित हुई थीं और राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष प्रदान किया था। ऐसा माना जाता है कि जीवनदायिनी माता गंगा की पूजा करने से सभी पापों का अंत होता है। इसके साथ ही रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।

इस बार यह महापर्व (Ganga Dussehra 2024) 16 जून 2024 को मनाया जाएगा। इस अवसर पर भगवान शिव की पूजा का भी महत्व है, क्योंकि देवी उनके शीश पर ही विराजमान हैं, तो आइए इस तिथि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए क्या भोग लगाना उसके बारे में जानते हैं?

गुड़ का भोग

गंगा दशहरा के दिन गुड़ का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। यह मंगल ग्रह का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि महादेव को गुड़ अर्पित करने से जीवन की मुश्किलें समाप्त होती हैं। साथ ही गृह क्लेश दूर होता है। इसके साथ ही इससे कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।

सफेद मिठाई का भोग

गंगा दशहरा पर भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह भोग उन्हें अति प्रिय है। ऐसे कहा जाता है कि भोलेनाथ को सफेद मिठाई का भोग लगाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता। साथ ही घर में सुख और शांति का वास रहता है। ऐसे में इस शुभ दिन पर यह भोग जरूर लगाएं।

शहद का भोग

गंगा दशहरा के दिन भगवान शिव को शहद का भोग भी लगाना चाहिए। इससे व्यक्ति का वैवाहिक जीवन सुखी रहती है। साथ ही इससे जुड़ी सभी मुश्किलें समाप्त होती हैं। अगर आप भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें यह भोग जरूर लगाएं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।