Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा के दिन करें पितरों के तर्पण के बाद ये काम, होगा सभी पापों का नाश

गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर जो भक्त देवी गंगा के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके पापों का नाश होता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 16 जून 2024 यानी आज के दिन मनाया जा रहा है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 16 Jun 2024 08:53 AM (IST)
Hero Image
Ganga Dussehra 2024: पितृ चालीसा का पाठ -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा दशहरा का दिन बहुत कल्याणकारी माना जाता है। यह दिन गंगा माता की पूजा के लिए बहुत शुभ होता है। इस पर्व का सनातन धर्म में बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर जो भक्त देवी गंगा के लिए व्रत रखते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उनके पापों का नाश होता है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व (Ganga Dussehra 2024) मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 16 जून, 2024 यानी आज के दिन मनाया जा रहा है।

इसके अलावा इस शुभ अवसर पर पितृ चालीसा का पाठ भी बहुत पुण्यदायी माना जाता है, इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए इस तिथि पर पितरों के तर्पण के बाद इस चालीसा का पाठ अवश्य करें।

।।पितृ चालीसा।।

।।दोहा।।

हे पितरेश्वर आपको दे दियो आशीर्वाद,

चरण शीश नवा दियो रख दो सिर पर हाथ ।

सबसे पहले गणपत पाछे घर का देव मनावा जी ।

हे पितरेश्वर दया राखियो, करियो मन की चाया जी । ।

चौपाई

पितरेश्वर करो मार्ग उजागर,

चरण रज की मुक्ति सागर ।

परम उपकार पित्तरेश्वर कीन्हा,

मनुष्य योणि में जन्म दीन्हा ।

मातृ-पितृ देव मन जो भावे,

सोई अमित जीवन फल पावे ।

जै-जै-जै पित्तर जी साईं,

पितृ ऋण बिन मुक्ति नाहिं ।

चारों ओर प्रताप तुम्हारा,

संकट में तेरा ही सहारा ।

नारायण आधार सृष्टि का,

पित्तरजी अंश उसी दृष्टि का ।

प्रथम पूजन प्रभु आज्ञा सुनाते,

भाग्य द्वार आप ही खुलवाते ।

झुंझनू में दरबार है साजे,

सब देवों संग आप विराजे ।

प्रसन्न होय मनवांछित फल दीन्हा,

कुपित होय बुद्धि हर लीन्हा ।

पित्तर महिमा सबसे न्यारी,

जिसका गुणगावे नर नारी ।

तीन मण्ड में आप बिराजे,

बसु रुद्र आदित्य में साजे ।

नाथ सकल संपदा तुम्हारी,

मैं सेवक समेत सुत नारी ।

छप्पन भोग नहीं हैं भाते,

शुद्ध जल से ही तृप्त हो जाते ।

तुम्हारे भजन परम हितकारी,

छोटे बड़े सभी अधिकारी ।

भानु उदय संग आप पुजावे,

पांच अँजुलि जल रिझावे ।

ध्वज पताका मण्ड पे है साजे,

अखण्ड ज्योति में आप विराजे ।

सदियों पुरानी ज्योति तुम्हारी,

धन्य हुई जन्म भूमि हमारी ।

शहीद हमारे यहाँ पुजाते,

मातृ भक्ति संदेश सुनाते ।

जगत पित्तरो सिद्धान्त हमारा,

धर्म जाति का नहीं है नारा ।

हिन्दू, मुस्लिम, सिख,

ईसाई सब पूजे पित्तर भाई ।

हिन्दू वंश वृक्ष है हमारा,

जान से ज्यादा हमको प्यारा ।

गंगा ये मरुप्रदेश की,

पितृ तर्पण अनिवार्य परिवेश की ।

बन्धु छोड़ ना इनके चरणाँ,

इन्हीं की कृपा से मिले प्रभु शरणा ।

चौदस को जागरण करवाते,

अमावस को हम धोक लगाते ।

जात जडूला सभी मनाते,

नान्दीमुख श्राद्ध सभी करवाते ।

धन्य जन्म भूमि का वो फूल है,

जिसे पितृ मण्डल की मिली धूल है ।

श्री पित्तर जी भक्त हितकारी,

सुन लीजे प्रभु अरज हमारी ।

निशिदिन ध्यान धरे जो कोई,

ता सम भक्त और नहीं कोई ।

तुम अनाथ के नाथ सहाई,

दीनन के हो तुम सदा सहाई ।

चारिक वेद प्रभु के साखी,

तुम भक्तन की लज्जा राखी ।

नाम तुम्हारो लेत जो कोई,

ता सम धन्य और नहीं कोई ।

जो तुम्हारे नित पाँव पलोटत,

नवों सिद्धि चरणा में लोटत ।

सिद्धि तुम्हारी सब मंगलकारी,

जो तुम पे जावे बलिहारी ।

जो तुम्हारे चरणा चित्त लावे,

ताकी मुक्ति अवसी हो जावे ।

सत्य भजन तुम्हारो जो गावे,

सो निश्चय चारों फल पावे ।

तुमहिं देव कुलदेव हमारे,

तुम्हीं गुरुदेव प्राण से प्यारे ।

सत्य आस मन में जो होई,

मनवांछित फल पावें सोई ।

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई,

शेष सहस्र मुख सके न गाई ।

मैं अति दीन मलीन दुखारी,

करहुं कौन विधि विनय तुम्हारी ।

अब पितर जी दया दीन पर कीजै,

अपनी भक्ति शक्ति कछु दीजै ।

।।दोहा।।

पित्तरों को स्थान दो, तीरथ और स्वयं ग्राम ।

श्रद्धा सुमन चढ़ें वहां, पूरण हो सब काम ।

झुंझनू धाम विराजे हैं, पित्तर हमारे महान ।

दर्शन से जीवन सफल हो, पूजे सकल जहान । ।

जीवन सफल जो चाहिए, चले झुंझनू धाम ।

पित्तर चरण की धूल ले, हो जीवन सफल महान । ।

यह भी पढ़ें: Surya Puja: रविवार के दिन भगवान सूर्य की कृपा के लिए करें यह कार्य, आर्थिक तंगी होगी दूर

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।