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Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर दुर्लभ 'वरीयान' योग समेत बन रहे हैं ये 7 संयोग, सभी दुखों का होगा नाश

यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 16 जून को गंगा दशहरा है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से जातक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक को मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। गंगा दशहरा पर दुर्लभ वरीयान योग का निर्माण हो रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 24 May 2024 04:08 PM (IST)
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Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा पर दुर्लभ 'वरीयान' योग समेत बन रहे हैं ये 7 संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Dussehra 2024: सनातन धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। इस शुभ दिन पर मां गंगा का भूलोक पर अवतरण हुआ है। अतः गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान-ध्यान किया जाता है। साथ ही मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है। यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 16 जून को गंगा दशहरा है। धार्मिक मान्यता है कि गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से जातक द्वारा जन्म-जन्मांतर में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही साधक को मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो गंगा दशहरा पर दुर्लभ वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, 16 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।

वरीयान योग

ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 09 बजकर 03 मिनट तक हो रहा है। ज्योतिष वरीयान योग को शुभ मानते हैं। इस योग में दान-पुण्य करने से व्रती को अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

सर्वार्थ सिद्धि योग

गंगा दशहरा पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का एक साथ निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 23 मिनट से हो रहा है, जो सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक है। इसके अलावा, रवि योग का भी संयोग गंगा दशहरा पर बन रहा है।  

नक्षत्र

ज्योतिष गणना के अनुसार, गंगा दशहरा पर हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ये दोनों नक्षत्र अधिकांश कामों के लिए शुभ और श्रेष्ठ माने जाते हैं। इन योग में मां गंगा की पूजा-उपासना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।  

करण योग

गंगा दशहरा पर तैतिल और गर करण का भी निर्माण हो रहा है। इन दोनों योग में शुभ कार्य कर सकते हैं। ज्योतिष तैतिल और गर करण को शुभ मानते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।