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Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी के दिन बन रहे हैं ये अद्भुत संयोग, यहां जानिए पूजा मुहूर्त

हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) का पर्व बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन लोग मां गंगा की पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 14 मई को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि देवी गंगा की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 13 May 2024 02:11 PM (IST)
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Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी पर हो रहा है इन शुभ योग का निर्माण
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 14 मई, 2024 को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी शुभ तिथि पर भगवान ब्रह्मा के कमंडल से देवी गंगा का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस दिन का उपवास करते हैं और गंगा स्नान व पूजा करते हैं उनके पापों का नाश होता है।

साथ ही जीवन सुखमय रहता है। वहीं, अगर पूजा शुभ योग में की जाए, तो उसका महत्व और भी बढ़ जाता है, तो आइए गंगा सप्तमी के पूजा मुहूर्त और शुभ योग के बारे में जानते हैं -

गंगा सप्तमी 2024 तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई, 2024 शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 14 मई, 2024 शाम 6 बजकर 49 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई, 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

गंगा सप्तमी पर हो रहा है इन शुभ योग का निर्माण

गंगा सप्तमी की पूजा का मुहूर्त सुबह 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। वहीं, इस दिन पुष्य नक्षत्र भी है, जिसकी शुरुआत 13 मई दिन सोमवार सुबह 11 बजकर 23 मिनट पर होगी और इसका समापन 14 मई दिन मंगलवार दोपहर 01 बजकर 05 मिनट पर होगा। इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा, जो 13 मई दिन सोमवार दोपहर 01 बजकर 05 मिनट से 15 मई दिन बुधवार सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।