Ganga Saptami 2024: ऐसे हुआ था पापनाशिनी मां गंगा का जन्म, जानिए पौराणिक कथा
हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) के पर्व का अपना एक खास महत्व है। इस दिन माता गंगा की पूजा का विधान है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग मां गंगा की पूजा करते हैं उनके पापों का नाश होता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी का दिन मां गंगा के जन्मदिन के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बड़ी धूमधाम के साथ यह तिथि मनाई जाती है। ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन ब्रह्मा जी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था, जिसकी पूर्ण कथा का जिक्र आज हम करेंगे। इस साल गंगा सप्तमी 14 मई, 2024 को मनाई जाएगी, तो आइए इस दिन से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में जानते हैं -
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गंगा सप्तमी 2024 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई, 2024 शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, अगले दिन यानी 14 मई, 2024 शाम 6 बजकर 49 मिनट पर इस तिथि का समापन होगा। पंचांग को देखते हुए गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई, 2024 को मनाया जाएगा।
देवी गंगा जन्म कथा
देवी गंगा के जन्म को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। वामन पुराण के अनुसार, जब श्री हरि विष्णु ने वामन स्वरूप में अपना एक पैर आकाश की ओर रखा था, उस दौरान ब्रह्मा देव ने उनके श्री चरणों को जल से धोकर अपने कमंडल में भर लिया था। इस पवित्र जल के तेज और शक्ति से ब्रह्मा जी के कमंडल में देवी गंगा का जन्म हुआ था। इसके बाद ब्रह्मा देव ने उन्हें हिमालय राज को सौंप दिया था। तभी से मां गंगा और देवी पार्वती बहन मानी जाती हैं।मां गंगा का पूजन मंत्र
- ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम:।।
- गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति।।
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