Ganga Snan Niyam: गंगा नदी में स्नान करने से पहले करें ये काम, पुण्य में होगी वृद्धि
सनातन धर्म में गंगा नदी को पवित्र और पूजनीय माना गया है। किसी भी मांगलिक कार्य की पवित्रता को बनाए रखने के लिए भी गंगाजल का विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। ऐसे में यदि आप Ganga Snan के लिए जाते हैं तो इस दौरान इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखाना जरूरी है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गंगा को कलयुग का तीर्थ कहा जाता है। इतना ही नहीं, गंगा को पापमोचनी भी कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गंगा में डुबकी लगाने मात्र से इंसान के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। कई विशेष तिथियों जैसे पूर्णिमा, गंगा दशहरा और अमावस्या आदि पर गंगा में स्नान का महत्व भी बढ़ जाता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गंगा नदी में स्नान के दौरान किन बातों का से विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
प्रवेश से पहले करें ये काम
गंगा स्नान के लिए नदी में प्रवेश करने से पहले गंगा मैया का दर्शन करें और उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम करें। इसके बाद गंगाजल को हाथों में लेकर अपने माथे से लगाएं और उसके बाद ही गंगा नदी में प्रवेश करें।
करें इस मंत्र का जाप
गंगा में प्रवेश करने के बाद व्यक्ति को उसमें कम-से-कम 3, 5 या फिर 7 बार डुबकी लगानी चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। गंगा स्नान का दोगुना फल प्राप्त करने के लिए आप स्नान के दौरान गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा। पापं तापं च दैन्यं च हन्ति सज्जनसङ्गमः।। मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
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न करें यह काम
गंगा में स्नान के दौरान भूलकर भी साबुन आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। इसके साथ ही गंगा स्नान करने के बाद शरीर को कपड़े से न पोंछे, बल्कि इसे ऐसे ही धूप में सूखने देना चाहिए। महिलाओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मासिक धर्म के दौरान गंगा नदी में स्नान न करें।
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