Gangaur Puja 2024: गणगौर पूजा के समय करें मां पार्वती के 108 नामों का जप, सुख और सौभाग्य में होगी अपार वृद्धि
Gangaur Puja 2024 इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।अविवाहित जातक शीघ्र विवाह हेतु भी चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं तो गणगौर पूजा पर विधि-विधान से भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करें।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 11 Apr 2024 09:34 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gangaur Puja 2024: गणगौर पूजा देवों के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित है। यह पर्व हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष 11 अप्रैल को गणगौर पूजा मनाई जा रही है। इस उपलक्ष्य पर देशभर के शिव मंदिरों में प्रातः काल से भक्तगण देवों के देव महादेव एवं माता पार्वती की पूजा-भक्ति कर रहे हैं। इस व्रत को विवाहित स्त्रियां करती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।अविवाहित जातक शीघ्र विवाह हेतु भी चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करते हैं। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो गणगौर पूजा पर विधि-विधान से भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय मां पार्वती के 108 नामों का मंत्र जप करें।
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मां पार्वती के 108 नाम
- ॐ पार्वतीयै नमः
- ॐ महा देव्यै नमः
- ॐ जगन्मात्रे नमः
- ॐ सरस्वत्यै नमः
- ॐ चण्डिकायै नमः
- ॐ लोक जनन्यायै नमः
- ॐ सर्वदेवादि देवतायै नमः
- ॐ शिवदुत्यै नमः
- ॐ विशालाक्ष्यै नमः
- ॐ चामुण्डायै नमः
- ॐ विष्णु सोदर्यै नमः
- ॐ चित्कलायै नमः
- ॐ चिन्मयाकरायै नमः
- ॐ महिषासुर मर्दन्यायै नमः
- ॐ कात्यायन्यै नमः
- ॐ काला रूपायै नमः
- ॐ गौरीयै नमः
- ॐ परमायै नमः
- ॐ ईशायै नमः
- ॐ नागेन्द्र तनयै नमः
- ॐ रौद्र्यै नमः
- ॐ कालरात्र्यै नमः
- ॐ तपस्विन्यै नमः
- ॐ गिरिजायै नमः
- ॐ मेनकथमजयै नमः
- ॐ भवन्यै नमः
- ॐ जनस्थानायै नमः
- ॐ वीर पथ्न्यायै नमः
- ॐ विरुपाक्ष्यै नमः
- ॐ वीराराधिथयै नमः
- ॐ हेमा भासयै नमः
- ॐ सृष्टि रूपायै नमः
- ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नमः
- ॐ मातृकायै नमः
- ॐ महागौर्यै नमः
- ॐ रामायै नमः
- ॐ रामायै नमः
- ॐ शुचि स्मितयै नमः
- ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः
- ॐ राज्य लक्ष्म्यै नमः
- ॐ शिव प्रियायै नमः
- ॐ नारायण्यै नमः
- ॐ महा शक्तियै नमः
- ॐ नवोदयै नमः
- ॐ भाग्य दायिन्यै नमः
- ॐ अन्नपूर्णायै नमः
- ॐ सदानंदायै नमः
- ॐ यौवनायै नमः
- ॐ मोहिन्यै नमः
- ॐ सथ्यै नमः
- ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
- ॐ शर्वाण्यै नमः
- ॐ देव मात्रे नमः
- ॐ त्रिलोचन्यै नमः
- ॐ ब्रह्मण्यै नमः
- ॐ वैष्णव्यै नमः
- ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नमः
- ॐ ज्ञान गमयै नमः
- ॐ नित्यायै नमः
- ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नमः
- ॐ कमलयै नमः
- ॐ कमलाकारायै नमः
- ॐ रक्तवर्णयै नमः
- ॐ कलानिधाय नमः
- ॐ मधु प्रियायै नमः
- ॐ कल्याण्यै नमः
- ॐ करुणायै नमः
- ॐ हरवः समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नमः
- ॐ धराधारा भवायै नमः
- ॐ मुक्तायै नमः
- ॐ वर मंत्रायै नमः
- ॐ शम्भव्यै नमः
- ॐ प्रणवथ्मिकायै नमः
- ॐ श्री महागौर्यै नमः
- ॐ रामजानयै नमः
- ॐ यौवनाकारायै नमः
- ॐ परमेष प्रियायै नमः
- ॐ परायै नमः
- ॐ पुष्पिन्यै नमः
- ॐ पुष्प कारायै नमः
- ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नमः
- ॐ महा रूपायै नमः
- ॐ महा रौद्र्यै नमः
- ॐ कामाक्ष्यै नमः
- ॐ वामदेव्यै नमः
- ॐ वरदायै नमः
- ॐ वर यंत्रायै नमः
- ॐ काराप्रदायै नमः
- ॐ कल्याण्यै नमः
- ॐ वाग्भव्यै नमः
- ॐ देव्यै नमः
- ॐ क्लीं कारिण्यै नमः
- ॐ संविधेय नमः
- ॐ ईश्वर्यै नमः
- ॐ ह्रींकारं बीजायै नमः
- ॐ भय नाशिन्यै नमः
- ॐ वाग्देव्यै नमः
- ॐ वचनायै नमः
- ॐ वाराह्यै नमः
- ॐ विश्व तोशिन्यै नमः
- ॐ वर्धनेयै नमः
- ॐ विशालाक्ष्यै नमः
- ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नमः
- ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नमः
- ॐ अम्बायै नमः
- ॐ निखिला योगिन्यै नमः
- ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नमः
- ॐ तरोर्मुला तलंगथयै नमः
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