Gangaur Puja 2024 Date: इस शुभ मुहूर्त में करें गणगौर पूजा, जीवन सदैव रहेगा खुशहाल
हर साल चैत्र माह की तृतीया तिथि के दिन गणगौर पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और परिवार के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं गणगौर पूजा का शुभ मुहूर्त के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gangaur Puja 2024 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर पूजा की जाती है। यह पर्व मुख्य रूप से राजस्थान और ब्रज के कुछ इलाकों में अधिक किया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और परिवार के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं। इस अवसर पर देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सुखी जीवन रहता है। इस दिन गणगौर पूजा शुभ मुहूर्त में और साथ ही आरती अवश्य करनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं गणगौर पूजा का शुभ मुहूर्त के बारे में।
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गणगौर पूजा डेट 2024 और शुभ मुहूर्त (Gangaur Vrat 2024 Date And Shubh Muhurat)
चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 10 अप्रैल को शाम 05 बजकर 32 मिनट से होगा और इसका समापन 11 अप्रैल को दोपहर 03 बजे होगा। ऐसे में गणगौर व्रत 11 अप्रैल को किया जाएगा। गणगौर व्रत के दिन सुबह 06 बजकर 29 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट तक पूजा करने का शुभ मुहूर्त है।
माता पार्वती आरती लिरिक्स (Mata Parvati Aarti Lyrics )जय पार्वती माता, जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाताजय पार्वती माताअरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राताजग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाताजय पार्वती माता।सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथादेव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथाजय पार्वती मातासतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाताहेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराताजय पार्वती माता।देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन में रंगराताजय पार्वती माताश्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गातासदा सुखी रहता सुख संपति पाताजय पार्वती माता।यह भी पढ़ें: Gangaur Vrat 2024 Date: पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है गणगौर व्रत, जानें इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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