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Ganpati Visarjan 2024: गणपति विसर्जन के दौरान घर की ओर क्यों नहीं होनी चाहिए बप्पा की पीठ? वजह कर देगी हैरान

शास्त्रों और पुराणों में भगवान गणेश की पूजा बेहद लाभकारी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग गणेश जी की पूजा भाव के साथ करते हैं उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। ऐसे में जो लोग अपने जीवन के कष्टों को दूर करना चाहते उन्हें बप्पा की पूजा जरूर करनी चाहिए। साथ ही उनके वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 16 Sep 2024 12:42 PM (IST)
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Ganpati Visarjan 2024: गणपति विसर्जन के दौरान किस दिशा में होना चाहिए बप्पा का मुख?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गणेश विसर्जन भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है, जो गणेश उत्सव के समापन का प्रतीक है। यह महत्वपूर्ण अवसर अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर पड़ता है। इस साल यह 17 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन लोग भगवान गणेश की विधिवत पूजा करके उन्हें विदा करते हैं। इसके साथ ही अगले वर्ष फिर से उन्हें वापस आने की प्रार्थना करते हैं, तो आइए इस दिन (Ganpati Visarjan 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

गणपति विसर्जन के दौरान किस दिशा में होना चाहिए बप्पा का मुख?

  • गणपति विसर्जन करते समय भगवान गणेश का मुख घर की ओर होना चाहिए और पीठ घर के बाहर। ऐसा माना जाता है कि घर की ओर पीठ रखने से बप्पा रुष्ट हो जाते हैं, क्योंकि उनकी पीठ में दरिद्रता का वास होता है। इसलिए कहा जाता है कि गलती से गणेश जी की पीठ घर की ओर नहीं होना चाहिए।
  • घर की ओर पीठ होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
  • विसर्जन से पूर्व परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। साथ ही सभी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
  • मुहुर्त के अनुसार ही बप्पा को विदा करना चाहिए।
  • विसर्जन के दौरान तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए।

गणेश विसर्जन 2024 तिथि और समय (Ganesh Visarjan 2024)

पंचाग के आधार पर, इस साल गणेश जी का विसर्जन सुबह 06 बजकर 07 मिनट के बाद से शुरू होगा। गणेश विसर्जन सुबह 09 बजकर 11 मिनट से दोपहर 01 बजकर 47 मिनट तक के बीच किया जा सकता है। वहीं, दोपहर में यह 03 बजकर 19 मिनट से शाम 04 बजकर 51 मिनट तक के बीच किया जाएगा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।